अनुमेह ने ट्यून करने का कायदा सीखा था, सुमित को बेस्ट ऑफ लक से किया था प्रोत्साहित

दिवंगत तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का भागलपुर से सीधा वास्ता कभी नहीं रहा, लेकिन यहां उनके मुरीदों की भरमार है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 10:15 PM

दिवंगत तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का भागलपुर से सीधा वास्ता कभी नहीं रहा, लेकिन यहां उनके मुरीदों की भरमार है. जो निधन की खबर सुनने के बाद शोक संतप्त हैं. भागलपुर के तबला गुरु अनुमेह मिश्रा को एक कार्यक्रम में ग्रीन रूम में मिलकर तबला ट्यून करने का कायदा सीखने का अवसर जरूर मिला. वहीं प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रोनिक मीडिया व फिल्म निर्देशन में काम कर चुके सुमित कुमार ने जाकिर हुसैन का साक्षात्कार लिया था. इस दौरान सुमित के प्रोजेक्ट की जानकारी होने पर बेस्ट ऑफ लक से प्राेत्साहित किया था.

बनारस के कार्यक्रम में उस्ताद जाकिर हुसैन अक्सर आते रहते थे. ननिहाल होने के कारण एक कार्यक्रम में उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. ग्रीन रूम में उनसे मिलने पर यह नहीं लगा कि वो बहुत बड़े उस्ताद हैं, ऐसे बात करने लगे जैसे बहुत पहले से जानते हों. फिर ग्रीन रूम में वो अपना तबला ट्यून करते समय कायदा सिखाया. फिर इसे बजाने लगा. उस्ताद जाकिर हुसैन तबले में हमेशा हमलोगों के बीच जिंदा रहेंगे.

अनुमेह मिश्रा, तबला गुरु

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स्वतंत्र तबला वादन को विदेशों में भी मान सम्मान दिलाने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन साहब के निधन से तबला की गति धीमी हो गयी है. आप जैसा व्यक्तित्व मुश्किल हैं कि अब कलाकार समाज को मिल पायेगा. उस्ताद जाकिर हुसैन को भावभीनी श्रद्धांजलि.

वेदानंद राय गुड्डू, तबला गुरु

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उस्ताद ज़ाकिर हुसैन साहब का जाना हम कलकारों के लिए बहुत बड़ी क्षति है. इसकी भरपाई कर पाना नामुमकिन है. उस्ताद ने तबला वादन को बहुत ऊंचा मुकाम दिया. यह तबला साधकों के लिए अपूरणीय क्षति है.

राजू बनारसी , तबला वादक

उस्ताद जाकिर हुसैन को – दिल्ली में अपने कॉलेज के दिनों में स्पीक मैके कार्यकम के तहत पहली बार सन 1995-96 देखने और उनके तबला वादन को सुनने का मौका मिला. साल 2007 में दिल्ली के एक लाइफस्टाइल और स्पिरिचुअल टीवी चैनल में बतौर एसोसिएट प्रोड्यूसर और स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर कार्य कर रहा था. एक कार्यक्रम के सिलसिले में उनसे दस मिनट तक बात करने का मौका मिला था. इस दौरान आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए बेस्ट ऑफ लक कहकर प्रोत्साहित किया.

सुमित कुमार, फिल्म निर्देशक

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