‘हेल्लो, बलराम के बेटे को मार दिए…’ भागलपुर में रौनक हत्याकांड के अपराधियों का कबूलनामा पढ़िए…

बिहार के भागलपुर में दवा कारोबारी के बेटे रौनक केडिया की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. अपराधियों ने अपने गुनाह को कबूला है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 18, 2024 11:45 AM

Bihar News: भागलपुर में दवा कारोबारी बलराम केडिया के पुत्र रौनक केडिया हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा शनिवार को कर दिया. एसएसपी आनंद कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद के कारण बलराम केडिया के पुत्र रौनक की हत्या अमित मंडल ने करवा दी. दोनों के बीच फोन पर हॉट-टॉक भी हुआ था जिसका ऑडियो भी पुलिस के पास उपलब्ध है. रौनक हत्याकांड में लिप्त तीन अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. हत्या में प्रयुक्त हथियार और बाइक भी बरामद किया गया है.

दो लाख की सुपारी, 11 हजार दिया था बयाना

पुलिस ने बताया है कि रौनक की हत्या के लिए सुपारी की राशि दो लाख तय हुई थी. बतौर एडवांस अमित ने दिलखुश को 11,000 का बयाना दिया था. रौनक केडिया की हत्या मामले का मास्टर माइंड अमित मंडल ने पुलिस के समक्ष इकबालिया बयान में कई चौकाने वाला खुलासा किया है. अमित ने बताया है कि किस तरह से उसकी दोस्ती बलराम केडिया से हुई थी. बताया है कि बलराम ने उसके पिता से दो किस्तों में अक्तूबर 2023 में रकम उधार लिये थे. पांच दिन में ही रकम लौटाने की बात थी लेकिन वह लौटा नहीं रहा था.

ALSO READ: VIDEO: पप्पू यादव के समर्थक व अंगरक्षक जब जान जोखिम में डालकर दौड़े, चलती राजधानी ट्रेन में देखिए क्या हुआ…

सालगिरह पर दिलवायी अंगूठी, रौनक के पिता को लेकर किया ये दावा…

रौनक हत्याकांड के मास्टरमाइंड अमित ने पुलिस को बताया है कि 11 दिसंबर 2023 को उसके सालगिरह पर उसे सोने की अंगूठी दिलायी गयी थी. फिर उसे जनवरी 2024 में दो किस्तों में 70 हजार रुपये दिये गये. इसके बाद फिर बार-बार मांगने पर उसे 2,60,000 रुपया नगद एवं 2,15,000 रुपया का चेक दिया गया. इसके बाद बाकी पैसे मांगने पर बलराम केडिया ने फोन उठाना बंद कर दिया. जब भी फोन उठाता तो गाली गलौज भी करता था.

चाय दुकान पर गांजा पीने के दौरान हुई दिलखुश से मित्रता

अमित ने पुलिस को बताया है कि दिलखुश से बूढ़ानाथ स्थित एक चाय दुकान पर गांजा पीने के दौरान मित्रता हुई. करीब एक माह पहले दिलखुश हजारीबाग में था, तब उसने रकम की जरूरत बतायी तो मैंने उसे बलराम केडिया के द्वारा रकम नहीं देने की बात कही. जब पैसे की वसूली करने और बदला लेने में मदद करने के एवज में दिलखुश की मदद करने की बात कही तो वह तैयार हो गया. उसी वक्त उसको 11 हजार रुपये ऑनलाइन भेज दिया. ऐसे दिलखुश को दो लाख देने की बात हुई थी. चुनिहारी टोला में एक पिस्टल व गोली दिलखुश को दिया था. फिर सात अगस्त को लगभग 11 बजे रात को दिलखुश ने मुझे फोन करके बताया कि आपका काम हो गया है. बलराम केडिया के बेटे रौनक को मार दिए हैं.

शूटर दिलखुश का इकबालिया बयान

रौनक को गोलियों से छलनी करने वाले शूटर दिलखुश ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि अमित से बात तय हो जाने के बाद मैं अमित मंडल के साथ बलराम केडिया के दुकान के आसपास रेकी करने लगा. उसके दुकान बंद करने व घर जाने के रास्ते की जानकारी लेने के बाद सात अगस्त की रात दुकान बंद करने के बाद रौनक को छाता लेकर आते देखा, तब मैं अपना बुलेट पुराने आत्माराम मेडिकल की दक्षिण वाली गली में लगाया और पैदल हेलमेट पहने हुए रौनक केडिया के पीछे शनि मंदिर गली में घुसा. मौका पाकर शनि मंदिर से करीब दस मीटर आगे अंधेरे में पिस्टल से उसके सिर में पीछे से गोली मारी. वह गली में ही गिर गया और मैं दौड़कर वापस गली से निकलते हुए अपने बुलेट के पास गया और एवं बुलेट लेकर आत्माराम गली होते हुए भाग गया. फिर अमित को फोन पर बताया कि मैंने रौनक को मार दिया है.

सुलतानगंज में मिला अमित, सौंप दिया पिस्टल

दिलखुश ने बताया है कि अमित और मैं रात में ही सुलतानगंज में मिले एवं अमित का दिया हुआ पिस्टल उसने लौटा दिया. पैसे की मांग की तो बोला कि दो तीन दिन में दे देंगे. नौ अगस्त को अमित फिर सुलतानगंज में ही मिला. अमिल ने दिलखुश को दस हजार रुपये दिये. दिलखुश ने बताया है कि इसके बाद वह देवघर चला गया और देवघर से अपने नानी गांव असरगंज के सजुआ चले गये. जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

हजारीबाग से घर आने के नहीं थे पैसे तो अमित ने दिये थे एक हजार

दिलखुश ने बताया है कि उसे कई तरह की नशे की लत है. इस कारण वह गलत कामों में फंस गया और कई बार जेल जा चुका है. पिछले कुछ माह पूर्व हजारीबाग स्थित कोयलवरी में वह काम करने लगा. काम करने में उसका मन नहीं लग रहा था. इस कारण वह घर आना चाहता था लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. अमित ने दो लाख की सुपारी दी तो स्वीकार कर लिया. फोन पर बताया कि हजारीबाग से लौटने के भी पैसे नहीं हैं तो अमित ने एक हजार रुपये ऑनलाइन दिया था.

अमित की संगत में गन्ने का रस बेचने वाला अजीत बन गया शूटर का सहयोगी

हरिहरपुर का अजीत टीएनबी कॉलेज के सामने गन्ने का रस बेचता था. जानकारी मिली है कि हत्याकांड का मास्टर माइंड अमित प्लाटिंग का काम करता है. लोग कहते हैं कि अमित ने पिछले दिनों हरिहरपुर में प्लाटिंग का कारोबार शुरू किया था. इसी सिलसिले में अमित की पहचान गन्ने का रस बेचने वाले अजीत से हुई. इसके बाद दोनों का संबंध गहरा हो गया. अजीत के घर से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद की थी, जबकि दूसरी ओर अजीत के परिजनों ने बताया कि वह हत्या में शामिल नहीं था, लेकिन अमित ने घटना के बाद अजीत को काले रंग की पन्नी में हथियार रखने दिया था.

पुलिस को देख कर चौंका अजीत, मांगने पर हथियार निकाल कर दे दिया

परिजन बताते हैं कि अमित का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है. जब पुलिस छापेमारी करने पहुंची, तो अजीत घर पर ही था. पुलिस के घर पर पहुंचते ही अजीत चौंक गया. पुलिस ने जैसे ही अजीत से पिस्टल की मांग की, तो उसने गोदरेज से निकाल कर पुलिस को दे दिया. फिर पिस्टल की पूरी कहानी अजीत ने पुलिस को बतायी. इसके बाद पुलिस ने अजीत को गिरफ्तार कर लिया

Next Article

Exit mobile version