नवरात्र को लेकर शहर में भक्ति का माहौल बनने लगा है. कहीं मां दुर्गा के गीत बज रहे हैं, तो कहीं मंदिरों व घर-मोहल्लों की साफ-सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है. बुधवार को महालया के साथ मां दुर्गा का आवाहन किया गया. सुबह उठ कर श्रद्धालुओं ने पश्चिम बंगाल के पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा गाये दुर्गा सप्तशती का पाठ का श्रवण किया. कलश स्थापना के साथ गुरुवार को मां दुर्गा की पहली पूजा शुरू हो जायेगी. नवरात्र में मां दुर्गा के स्वरूप मां की पहली पूजा शैलपुत्री, दूसरी पूजा ब्रह्मचारिणी, तीसरी पूजा चंद्रघंटा, चौथी पूजा कृष्मांडा, पंचमी पूजा स्कंदमाता, षष्ठी पूजा कात्यायनी, सप्तमी पूजा कालरात्रि, महाअष्टमी पूजा पर महागौरी व नवमी पूजा सिद्धिदात्री स्वरूप में की जाती है. शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ गुरुवार, 3 अक्तूबर को होगा और इसका समापन शनिवार, 12 अक्तूबर को होगा. नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त तीन अक्तूबर को प्रातः 7 बजे से लेकर दिन के 2:56 बजे तक रहेगा. इस बार माता का आगमन डोली पर और प्रस्थान चरणायुध मुर्गा पर होगा. ———– —— मां का हुआ आवाहन पूजन, दुर्गा सप्तशती पुस्तक की बढ़ी बिक्री महालया अर्थात मां का आवाहन पूजन हुआ. बाजार में दुर्गा सप्तशती पाठ की पुस्तक, मां दुर्गा की फोटो, पश्चिम बंगाल के पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा गाये दुर्गा सप्तशती का पाठ के सीडी कैसेट की खूब बिक्री हुई. लोगों ने कैसेट व रेडियो के माध्यम से महालया का पाठ सुना. महालया से आध्यात्मिक शक्ति का उन्नयन बंगाली परिवारों में परंपरा से महालया के दिन सभी घर-द्वार की सफाई की और अपने घर में धूप-धूमना के माध्यम से देवी दुर्गा की भक्ति में लीन हो कर महालया का श्रवण किया. माता की स्तुति का पाठ बिहार बंगाली समिति, बरारी शाखा के अध्यक्ष तरुण घोष ने बताया कि महालया मां दुर्गा का आह्वान के रूप में मनाया गया. दुर्गाबाड़ी के निरूपमकांति पाल बताया कि दुर्गाबाड़ी में भी प्रात: चार बजे महालया के अवसर पर लोग रेडियो पर चंडी पाठ का श्रवण किया. सभी लोग पूजन कार्य को लेकर जुट गये. काजीपाड़ा बरारी के अशोक सरकार ने बताया कि वर्षों पहले पश्चिम बंगाल के पंडित वीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया, उन्हीं की आवाज में आज भी कैसेट व रेडियो के माध्यम से लोगों ने भक्ति भाव चंडी पाठ सुना.
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