तुलसी लाल स्मृति प्रतिष्ठान के तहत काठमांडू से आये संस्कृतिकर्मियों ने स्वतंत्रता सेनानी तुलसी लाल के यादों को संजोने के लिए भागलपुर के ऐतिहासिक लोकेशन पर शूटिंग की गयी. काठमांडू से आये कलाकारों ने घंटाघर चौक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, तिलकामांझी चौक आदि लोकेशन पर शूटिंग की. निर्देशक राजेश थापा एवं पथ प्रदर्शक लक्ष्मण राय मांझी ने बताया कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक तुलसी लाल लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र से एमए कर रहे थे. नौ अगस्त 1942 में मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से तुरंत भारत छोड़ने को कहा और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे शक्तिशाली आंदोलन की शुरूआत की. उनके आह्वान पर किसान नेता तुलसी लाल ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया. लखनऊ में गिरफ्तार कर उन्हें अलग-अलग जेल में रखते हुए भागलपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया. यहां 1946 में कई माह तक जेल में रहे. कैमरामैन विष्णु घिमेरे कल्पित ने कहा कि भागलपुर की संस्कृति नेपाल से मिलती है. नेपाल और भारत के बीच मधुर संबंध है. यहां के लोग मददगार साबित हुए. आगे भी यहां आकर कई सामाजिक व सांस्कृतिक मामले पर काम करेंगे. उनके साथ सहायक कैमरामैन मनोज महाजन, साउंडमैन विवेक वस्मेत एवं प्रोडक्शन मैनेजर सुवेक्षी मेयांग्वो का विशेष सहयोग रहा.
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भागलपुर के विभिन्न लोकेशन पर काठमांडू के कलाकारों ने की शूटिंग
तुलसी लाल स्मृति प्रतिष्ठान के तहत काठमांडू से आये संस्कृतिकर्मियों ने स्वतंत्रता सेनानी तुलसी लाल के यादों को संजोने के लिए भागलपुर के ऐतिहासिक लोकेशन पर शूटिंग की गयी
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