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अश्विनी चौबे ने अपने सियासी करियर के बारे में बताया, क्यों सुर्खियों में है एक और बयान, जानिए…

बिहार की राजनीति को लेकर भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने फिर एकबार ऐसा बयान दे दिया है जो सुर्खियों में है. भाजपा के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनाने की बात उन्होंने की.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे एकबार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने फिर एकबार दुहराया है कि भाजपा के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बननी चाहिए. उन्होंने अपनी मंसा बताते हुए भाजपा के कार्यकर्ताओं को अभी से लग जाने की सलाह भी दी है.

अश्विनी चौबे ने भाजपा को दी सलाह…

अश्विनी कुमार चौबे ने भागलपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी अपनी इच्छा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बिहार में बननी चाहिए. हम पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा अकेले दम पर आए और एनडीए के सहयोगी दल को भी आगे बढ़ाए. हमारी ऐसी मंशा है. हमने अपने नेतृत्व को भी यह बताया है.

बोले अश्विनी चौबे…

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओम बिड़ला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गये. भाजपा व एनडीए के सभी सहयोगियों ने एकजुटता का परिचय दिया. ओम बिड़ला अपने अनुशासन के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को दिल्ली में 1974 जेपी आंदोलन के 50वें साल में प्रवेश करने को लेकर स्वर्ण जयंती समारोह शुरू हो चुका है. यह कार्यक्रम लगातार एक साल तक चलेगा. जेपी आंदोलन में मैं फुलवारीशरीफ जेल में था, तो वहां मैंने सत्याग्रह शुरू किया तो मेरे ऊपर काफी अत्याचार किये गये. लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने मुझे वहां से पीएमसीएच में भर्ती कराया था.

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अपने सियासी करियर को लेकर बोले..

गौरतलब है कि बुधवार को भागलपुर के परिसदन में अश्विनी चौबे प्रेस वार्ता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भागलपुर मेरी जन्मभूमि है व बक्सर मेरी तपोभूमि है. उन्होंने कहा कि अभी पांच साल तक और सक्रिय राजनीति में रहूंगा. एक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे.

अध्यक्ष पद को लेकर भी दी सलाह…

अश्विनी चौबे पर संगठन में अध्यक्ष पद को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि आयातित तत्व मंजूर नहीं होंगे. संगठन में जिला हो प्रदेश या केंद्र, यहां के अध्यक्ष संगठन के मूल के ही होने चाहिए. तभी हम राज्य या देश को आगे बढ़ा सकते हैं.

अश्विनी चौबे को इसबार नहीं मिला टिकट

बता दें कि अश्विनी चौबे भाजपा के फायर ब्रांड नेताओं में एक माने जाते हैं. वो भागलपुर से विधायक बनते रहे और राज्य सरकार में अलग-अलग विभागों में मंत्री रहे. वहीं नरेंद्र मोदी की सरकार में वो बक्सर से सांसद बने. इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला. हालांकि बक्सर सीट पर भाजपा की हार हुई और राजद के उम्मीदवार जीते हैं.

क्यों सुर्खियों में है अश्विनी चौबे का बयान…

यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के किसी नेता ने आगामी विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में रहने की बात कही हो. लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम में भाजपा को बहुमत नहीं मिलने के बाद जदयू का साथ अहम हो गया है. जिसके बाद जदयू के प्रमुख नेताओं ने साफ शब्दों में जब कहा कि नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में एनडीए अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो भाजपा के नेताओं ने इसपर सहमति दी थी. दोनों डिप्टी सीएम ने इसे लेकर बयान दिया था कि नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. इस बीच अश्विनी चौबे के इस बयान को सियासी पंडित राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए अलग ही कह रहे हैं.

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