बिहार सरकार की ओर से पदाधिकारियों और कर्मचारियों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक कर दिया गया है, ताकि आम लोग भी इसे देख सके. वहीं, किशनगंज और अररिया के जिलाधिकारी ने अब तक चल-अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. अगर संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया जाता है, तो अधिकारियों का वेतन भी रोका जा सकता है.
संपत्ति का ब्योरा सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं देने में बिहार के कई अधिकारी शामिल हैं. इस पर विभाग ने आपत्ति भी जतायी है. इनमें किशनगंज के जिलाधिकारी आदित्य प्रकाश, अररिया के जिलाधिकारी प्रशांत कुमार, लखीसराय के डीडीसी निखिल धनराज, सहरसा के डीडीसी साहिला के साथ-साथ नवगछिया के एसडीओ यतेंद्र कुमार पाल शामिल हैं.
बताया जाता है कि बिहार के कुल पांच जिलाधिकारी, छह डीडीसी, छह एसडीओ समेत करीब चार दर्जन से ज्यादा अधिकारियों ने सामान्य प्रशासन विभाग को संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया है. हालांकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने इन अधिकारियों को संपत्ति का ब्योरा देने के लिए 15 दिन का और समय दिया है.
सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव कन्हैया प्रसाद के मुताबिक, अधिकारियों को दी गयी अतिरिक्त समय सीमा तक संपत्ति का ब्योरा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो नियमानुसार उचित कदम उठाया जा सकता है. संभावना जतायी जा रही है कि इन अधिकारियों को दी गयी अतिरिक्त समय सीमा तक संपत्ति का ब्योरा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो संपत्ति का ब्योरा दिये जाने तक उनका वेतन भी रोका जा सकता है.
मालूम हो कि सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के मुताबिक, भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के पास 2,57,000 नकद और अकाउंट में डिपॉजिट है. वहीं, उनकी पत्नी सुचिस्मिता कनाउंग के पास 4,07,000 रुपये हैं. मालूम हो कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की पत्नी सेंट्रल सर्विस ऑफिसर हैं.
वहीं, भागलपुर के अपर समाहर्ता (राजस्व) राजेश झा राजा के पास 10,18,345 रुपये नकद और डिपॉजिट है. वहीं, उनकी पत्नी नीतू झा के पास 34,29,406 रुपये हैं. राजेश झा के नकदी और डिपॉजिट में पिछले साल की तुलना में 1,53,292 रुपये की वृद्धि हुई है.