डॉल्फिन अभयारण्य के नाम पर मछुआरों के साथ हो रहा अत्याचार, विरोध में 17 को नौका जुलूस
गंगा मुक्ति आंदोलन और बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ की की ओर से शनिवार को वेराइटी चौक समीप एक होटल सभागार में संयुक्त बैठक हुई.
गंगा मुक्ति आंदोलन और बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ की की ओर से शनिवार को वेराइटी चौक समीप एक होटल सभागार में संयुक्त बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष योगेंद्र सहनी ने की. बैठक में निर्णय लिया गया कि मछुआरों के साथ अभयारण्य के नाम पर वन विभाग अत्याचार कर रहा है. अत्याचार के खिलाफ 17 जून को कहलगांव से बरारी तक नौका जुलूस और 18 जून को जिलाधिकारी के समक्ष धरना प्रदर्शन होगा. बैठक में कहलगांव, नवगछिया, बरारी, जगदीशपुर, नाथनगर और परबत्ती के मछुआरों के साथ शहर के बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. गंगा मुक्ति आंदोलन के संयोजक डॉ योगेंद्र ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर अगस्त में राज्य और अन्य राज्यों के पर्यावरण कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों का दो दिवसीय शिविर लगाया जायेगा. बैठक में वरिष्ठ समाजसेवी रामशरण, नरेश सिंह, अनिक महलदार, उदय, अनिरुद्ध, मो बाकिर हुसैन, ललन, सुनील सहनी, रेणु सिंह, रामपूजन, मो हुमायू, भरत, स्मिता, अमलेश सिंह, गौतम कुमार, धर्मेंद्र सिंह, लक्ष्मण सिंह आदि उपस्थित थे.
मानव जीवन को प्रकाशित करने वाले होते हैं सदगुरु
भागलपुर. संतमत सत्संग मंदिर, परबत्ती में शनिवार को महर्षि मेंहीं की 140वीं जयंती पर सत्संग का आयोजन हुआ. इसमें महर्षि संतसेवी ध्यान योग आश्रम, सबौर से पधारे गुरुस्नेही स्वामी आशुतोष बाबा ने प्रवचन देते हुए कहा कि सभी लोग गुरु नहीं हो सकते. गुरु खासकर सदगुरु मानव जीवन को प्रकाशित करने वाले होते हैं. सदगुरु शिष्य के जीवन को अंत तक प्रकाशित करने का काम करते हैं. कार्यक्रम का समापन भंडारा से हुआ. 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है