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पिता की जान बचाने के लिए युवक को गिरवी रखना पड़ा मां का मंगलसूत्र, 20 हजार में खरीदा ऑक्सीजन सिलिंडर

पिता की जान बचाने के लिए सुलतानगंज के एक युवक को अपनी मां का मंगलसूत्र गिरवी रखना पड़ा. इसके बदले मिले पैसे से उसने अकबरनगर में ब्लैक में 20 हजार रुपये में ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदा. युवक ने बताया कि उसके पिता पुरानी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. हालांकि उनमें कोरोना का लक्षण नहीं है. उनका इलाज दिल्ली से चल रहा है. कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली से घर ले आये हैं. यहीं पर उनका इलाज चल रहा है. गंभीर हालत होने पर डॉक्टर ने ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी. जगह-जगह ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए गुहार लगायी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की.

पिता की जान बचाने के लिए सुलतानगंज के एक युवक को अपनी मां का मंगलसूत्र गिरवी रखना पड़ा. इसके बदले मिले पैसे से उसने अकबरनगर में ब्लैक में 20 हजार रुपये में ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदा. युवक ने बताया कि उसके पिता पुरानी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. हालांकि उनमें कोरोना का लक्षण नहीं है. उनका इलाज दिल्ली से चल रहा है. कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली से घर ले आये हैं. यहीं पर उनका इलाज चल रहा है. गंभीर हालत होने पर डॉक्टर ने ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी. जगह-जगह ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए गुहार लगायी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की.

युवक ने बताया कि तीन दिनों तक भटकते रहे. तब पता चला कि अकबरनगर में एक व्यक्ति के पास आॅक्सीजन सिलिंडर है. उससे संपर्क करने पर उसने इसके लिए 20 हजार रुपये मांगे. दस हजार रुपये पास में थे. उस व्यक्ति को अपनी हालत के बारे में बताते हुए 10 हजार में आॅक्सीजन सिलिंडर देने की मिन्नत की, लेकिन वह तैयार नहीं हुआ. तब घर फोन कर मां से 10 हजार रुपये और इंतजाम करने को कहा. मां ने कहा पैसे तो नहीं हैं, मंगलसूत्र है उसे बेच दो. इतना कहते हुए युवक फफक कर रो पड़ा. न चाहते हुए भी उसने मां का मंगलसूत्र लाकर ऑक्सीजन सिलिंडर वाले को दिया, लेकिन वह इसे लेने को तैयार नहीं हुआ.

इसके बाद वह मंगलसूत्र लेकर अकबरनगर बाजार में कई दुकनदारों के पास गया, लेकिन किसी ने नहीं लिया. काफी भटकने के बाद एक दुकानदार ने गिरवी रख कर उसे 10 हजार रुपये दिये. तब 20 हजार रुपये चुका कर युवक ने ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदा. इधर कोरोन के बढ़ते संक्रमण के कारण अकबरनगर के आॅक्सीजन प्लांट में हर रोज लोगों की भीड़ जुट रही है. प्लांट के मैनेजर ने बताया कि सरकारी नियमों का पालन किया जा रहा. प्राइवेट लोगों को ऑक्सीजन देना मुश्किल है.

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Posted By: Thakur Shaktilochan

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