गलत तरीके से नक्शा पास करने मामले में उप नगर आयुक्त राजेश पासवान के वेतन पर रोक

नगर निगम में भ्रष्टाचार के एक मामले में उपनगर आयुक्त राजेश पासवान पर कार्रवाई की गयी है. गलत तरीके से नक्शा पास करने के मामले में उप नगर आयुक्त के वेतन पर रोक लगा दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 13, 2024 8:54 PM

नगर निगम में भ्रष्टाचार के एक मामले में उपनगर आयुक्त राजेश पासवान पर कार्रवाई की गयी है. गलत तरीके से नक्शा पास करने के मामले में उप नगर आयुक्त के वेतन पर रोक लगा दी गयी है. साथ ही नक्शा पास करने का उनका अधिकार सीज कर लिया गया है. नगर आयुक्त डॉ प्रीति ने उप नगर आयुक्त राजेश कुमार पासवान को अधिकार का बेजा इस्तेमाल का दोषी पाया. फिर उन पर कार्रवाई की गयी. इस मामले में नगर आयुक्त डॉ प्रीति ने पांच दिनों का अल्टीमेटम के साथ समय दिया है, ताकि इस दौरान उप नगर आयुक्त राजेश पासवान अपना पक्ष रख सकें. इस दौरान संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उप नगर आयुक्त राजेश पासवान पर विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा कर दी जायेगी. अब उप नगर आयुक्त श्री पासवान किसी भी फाइल पर कोई काम नहीं कर सकेंगे.

यह है आरोप

उप नगर आयुक्त राजेश कुमार पासवान ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 11 कॉमर्शियल व गैर कॉमर्शियल जैसे आवासीय जमीन का नक्शा पास किया गया था. इसमें उप नगर आयुक्त राजेश पासवान की ओर से अनुमोदन किया गया था. इसी साल 19 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार उप नगर आयुक्त को न्यायालय और नोटिस मामलों को छोड़ कर केवल आवासीय नक्शा के निष्पादन का अधिकार दिया गया था. लेकिन तत्कालीन नगर आयुक्त के स्थानांतरण और वर्तमान नगर आयुक्त के पदग्रहण के दौरान इन नक्शों का निष्पादन किया गया.

नगर आयुक्त ने पत्र जारी कर कहा : मनमाने ढंग से निजी स्वार्थवश सरकारी पद का है दुरुपयोग

नगर आयुक्त डॉ प्रीति ने पत्र जारी कर कहा कि उप नगर आयुक्त राजेश पासवान ने मनमाने ढंग से नक्शा पास किया, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर था. यह पूरी तरह से निजी स्वार्थ के लिए किया गया काम था. सरकारी पद दुरुपयोग भी है. इससे नगर निगम प्रशासन की छवि धूमिल हुई और आमलोगों का शोषण हुआ. घोर अनुशासनहीनता, आदेश की अवहेलना, स्वेच्छाचारिता और कदाचार को परिलक्षित करता है.

इससे पहले तत्कालीन मेयर सीमा साहा के कार्यकाल में नगर निगम में वेतन घोटाला, फिर अलग-अलग कर्मचारियों पर ट्रेड लाइसेंस घोटाला व होल्डिंग टैक्स वसूली में अनियमितता का आरोप लग चुका है.

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