भागलपुर : हवाई अड्डा की चिह्नित जमीन निबंधन रोक सूची में हुई शामिल
गोराडीह में 692.43 एकड़ जमीन हवाई अड्डा के निर्माण के लिए चिह्नित की गयी है. इसे डीएम के निर्देश पर निबंधन रोक सूची में शामिल कर लिया गया है. अब इस जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी. इस बाबत डीएम का पत्र जिला अवर निबंधक को गुरुवार को भेज दिया गया. गत 23 जुलाई को हुई बैठक में डीएम ने हवाई अड्डा के लिए चिह्नित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया था.
गोराडीह में 692.43 एकड़ जमीन हवाई अड्डा के निर्माण के लिए चिह्नित की गयी है. इसे डीएम के निर्देश पर निबंधन रोक सूची में शामिल कर लिया गया है. अब इस जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी. इस बाबत डीएम का पत्र जिला अवर निबंधक को गुरुवार को भेज दिया गया. गत 23 जुलाई को हुई बैठक में डीएम ने हवाई अड्डा के लिए चिह्नित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया था.
भागलपुर में हवाई अड्डा निर्माण की प्रक्रिया गत पांच फरवरी को सिविल विमानन निदेशालय का निर्देश आने के बाद से चल रही है. जून में जिला राजस्व शाखा ने निदेशालय के निदेशक संचालन को हवाई अड्डा की जमीन का प्रस्ताव भेजा था. गोराडीह में कुल 692.43 एकड़ जमीन में हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें वर्तमान में सरकारी भूमि 284.43 एकड़ है, जबकि रैयती (निजी) भूमि 408 एकड़ शामिल है. जमीन का अर्जन तभी शुरू होगा, जब निदेशालय की अनुमति मिलेगी. अगर हवाई अड्डा इस जमीन पर बनता है, तो भागलपुर-गोराडीह सड़क इसका मुख्य मार्ग होगा.
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पहले जमीन का था तीन मौजे, अब हुआ आठपहले जो प्रस्ताव बना था, उसमें तीन मौजे सरकार अमानत, खरवा व चौमुख की जमीन होने की बात कही गयी थी. अब इसमें आठ मौजे की जमीन आ गयी है. इन मौजों में मोहनपुर, चौमुख, सरकार अमानत, खरवा-470, खरवा-497, चकुलिया और रनवे के लिए पुन्नख व अगड्डा से जुड़ी जमीन शामिल है. जिला अवर निबंधक को रोक के निर्देश के साथ मौजा, खाता व खेसरा का भी उल्लेख किया गया है.
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