बांग्लादेश में तख्तापलट से बिहार का व्यापार प्रभावित, भागलपुर का रेशम कारोबार पर भी असर
बांग्लादेश में सत्ता संग्राम व हिंसा से भागलपुर के सिल्क कारोबार प्रभावित हो सकता है. यहां के सिल्क कारोबारी सशंकित है. उनका कहना है कि एक सप्ताह बाद पता चलेगा बांग्लादेश से होने वाले कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ा है. बांग्लादेश व उसकी राजधानी ढाका में कोलकाता के रास्ते भागलपुरी तसर सिल्क के कुर्ते व दुपट्टे भेजे जाते हैं. इस हिंसा का भागलपुर सिल्क पर क्या असर पड़ेगा. पढिए भागलपुर से ललित किशोर मिश्र की रिपोर्ट...
Bangladesh Violence: भागलपुरी सिल्क, जर्दालु आम व कतरनी चूड़ा की मांग देश में ही नहीं विदेशों में भी है, लेकिन भागलपुरी तसर सिल्क व तसर सिल्क के बने दुपट्टे की मांग बांग्लादेश व बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सबसे अधिक है. तसर के कुर्ते वहां के लोग बड़े शौक से पहनते हैं. महिलाएं व लड़कियां तसर सिल्क पहनती हैं. लेकिन बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भागलपुर से कोलकाता के रास्ते जाने वाले सिल्क की खेप पर इसका असर पड़ सकता है.
बांग्लादेश की स्थिति पर व्यापारियों की नजर
भागलपुर के कुछ रेशम व्यवसायी जो बुनकर भी हैं, कोलकाता के व्यापारियों को रेशम का सामान भेजते हैं. वे बांग्लादेश में सत्ता संघर्ष और हिंसा पर भी नज़र रख रहे हैं. क्योंकि अगर यह स्थिति लंबे समय तक जारी रही तो उनके व्यापार पर असर पड़ेगा.
हर बीस दिन पर कोलकाता के व्यापारी को ऑर्डर के अनुसार भेजा जाता है माल
हर बीस दिन पर कोलकाता के व्यापारी माल का ऑर्डर देते हैं. भागलपुर के बुनकर व सिल्क के व्यवसायी जिलाउर रहमान ने बताया कि भागलपुरी सिल्क में भी तसर सिल्क की मांग बांग्लादेश में अधिक है. इसलिए कोलकाता के व्यापारी हम लोगों से संपर्क करते हैं और हम लोग माल भेज देते हैं. तसर सिल्क के कपड़े और दुपट्टा को भेज दिया जाता है. बांग्लादेश के जो हालात हैं उस पर उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के बाद की स्थिति को देखने के बाद पता चलेगा कि आगे व्यापार की क्या स्थिति होगी.
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भागलपुर-बांग्लादेश के बीच सीधे तौर पर कारोबार नहीं
सिल्क कारोबारी इबरार अंसारी ने कहा कि भागलपुर से सीधे तौर पर बांग्लादेश से कारोबार नहीं है. कोलकाता से भागलपुरी सिल्क का दुपट्टा बांग्लादेश जाता है. कोलकाता के व्यापारी भागलपुर के कुछ सिल्क के व्यापारी से सिल्क का दुपट्टा मंगाते हैं.