हे यम देवता, अभी पैसे नहीं हैं इसलिए हमलोग मरना नहीं चाहते…, जब DM के पास पहुंची यमराज के नाम की चिट्ठी, जानें पूरा मामला
बिहार के भागलपुर जिले में एक चिट्ठी इन दिनों चर्चे का विषय है. यह चिट्ठी कुछ लोगों ने यमराज के नाम लिखी है. जिसमें पता मृत्युलोक यमपुरी दिया गया है. इस चिट्ठी की कॉपी को भागलपुर के जिलाधिकारी, नगर आयुक्त सहित कई अन्य पदाधिकारियों को भी भेजा गया है. जिसके बाद सोशल मीडिया पर भी ये चिट्ठी वायरल हुई और इस मामले ने तूल पकड़ लिया. भागलपुर के बरारी स्थित श्मशान घाट में शव जलाने के दौरान मनमाना वसूली को लेकर यह व्यंगात्मक खत लिखा गया है.
बिहार के भागलपुर जिले में एक चिट्ठी इन दिनों चर्चे का विषय है. यह चिट्ठी कुछ लोगों ने यमराज के नाम लिखी है. जिसमें पता मृत्युलोक यमपुरी दिया गया है. इस चिट्ठी की कॉपी को भागलपुर के जिलाधिकारी, नगर आयुक्त सहित कई अन्य पदाधिकारियों को भी भेजा गया है. जिसके बाद सोशल मीडिया पर भी ये चिट्ठी वायरल हुई और इस मामले ने तूल पकड़ लिया. भागलपुर के बरारी स्थित श्मशान घाट में शव जलाने के दौरान मनमाना वसूली को लेकर यह व्यंगात्मक खत लिखा गया है.
मामला भागलपुर के बरारी स्थित श्मशान घाट से जुड़ा है. जिले के कुछ लोगों ने लंबे समय से चले आ रही समस्या को लेकर यह पत्र लिखा है. उनका उद्देश्य प्रशासन को इस बात से अवगत कराना था कि श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान मनमाना वसूली की जाती है. लोगों को शव जलाने के लिए इतनी भारी रकम की शर्त घाट राजा के द्वारा सामने रख दिया जाता है कि लोग परेशानी में पड़ जाते हैं.
यमराज को लिखे पत्र में शव जलाने के क्रम में आने वाले खर्चों का बिंदुवार ब्यौरा भी दिया गया है. पत्र में लिखा गया है कि श्मशान घाट पर 25,000 रुपये अनिवार्य रुप से खर्च करने पर ही शवों को जलने की अनुमति होती है. रुपये नहीं होने की स्थित में पृथ्वी लोक के बरारी श्मशान घाट भागलपुर में लाश को जलने की अनुमति नहीं है.
Also Read: राजगीर में बने ग्लास ब्रिज पर रोज उमड़ने लगी हजारों की भीड़, बदली गई व्यवस्था, जानें एक दिन में कितने लोग अब उठा सकेंगे लुफ्तपत्र लिखने वाले लिखते हैं कि यमराज महोदय से अनुरोध है कि बरारी श्मशान घाट और भागलपुर नगर निगम की अकर्मन्यता के चलते अभी मैं मरना नहीं चाहता हूँ. पत्र में आगे लिखा है कि चूंकि 25 से 30 हजार रुपये अभी हमारे पास नहीं हैं इसलिए हम सभी भागलपुर वासियों को मरने से मुक्त रखा जाए.
हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के अनुसार, भागलपुर के उपनगर आयुक्त ने बताया कि घाट पर अंतिम संस्कार का दर तय करने के लिए स्थायी समिति के बैठक में कई बार प्रस्ताव को लाया गया है लेकिन इसका हल नहीं निकल सका. इसमें जिला प्रशासन और नगर निगम दोनों को काम करने की जरुरत है, उसके बाद ही इस समस्या का कोई हल निकल सकता है.
Posted By: Thakur Shaktilochan