BAU News: बीएयू करेगा रेशम उद्योग को पुनर्जीवित
गुरुवार को बीएयू के कुलपति, डॉ डीआर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई
= भागलपुरी सिल्क के पुराने गौरव को लौटाने में होगा सहायक : कुलपति
प्रतिनिधि, सबौर
बिहार कृषि विश्वविद्यालय इकोटसर सिल्क के साथ मिलकर रेशम उद्योग को पुनर्जीवित करने का काम करेगा. इसे लेकर गुरुवार को बीएयू के कुलपति, डॉ डीआर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बैठक में निदेशक अनुसंधान डाॅ अनिल कुमार सिंह, इकोटसर सिल्क प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रबंधक क्षितिष पांडया के साथ प्राचार्य, डाॅ कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज डाॅ के सत्यनारायणा एवं वैज्ञानिकों ने भाग लिया. जिसमें विस्तारपूर्वक तसर सिल्क से ग्रामीण महिलाओं के रोजगार सृजन एवं आर्थिक सुदृढ़ीकरण पर विचार हुआ. इससे ग्रामीण परिवेश की महिलाएं रेशम के कच्चे पदार्थ जैसे कोकुन के साथ ही धागों को तैयार कर, उससे कपड़े तैयार करने जैसे रोजगार का सृजन हो पायेगा. जिससे ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं का आर्थिक सुधार में सहायता मिलेगी. कार्यक्रम के तहत केविके बांका में प्रत्क्षीकरण कार्यक्रम किया जायेगा. कुलपति ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे भागलपुरी सिल्क के पुराने गौरव को लौटाने में भी सहायक होगा. रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सबएग्रीस तीन स्कीम के तहत चार से 25 लाख रुपये तक की अनुदान राशि रेशम उद्यमियों को सहायता प्रदान की जायेगी. बैठक में ग्रामीण महिलाओं के रोजगार सृजन करने में अहम भूमिका निभाने की बात कही गयी.-कोट-
बीएयू में एक महिला किसान सशक्तिकरण सेंटर खोला जाएगा. जिसमें रेशम उद्योग सहित अन्य कृषि आधारित उद्योग पर प्रशिक्षण की सुविधा होगी.– डॉ डीआर सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौरB
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