Bhagalpur News : 6 महीने बाद फिर शुरू हुआ भैरवा तालाब का सौंदर्यीकरण, जानें कब होगा पूरा
Bhagalpur News : छह महीने से बंद भैरवा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम पूजा-पाठ के साथ शुरू हो गया है. जून 2024 तक एक्सटेंशन मिलने के बाद भी काम अभी तक लंबित था. ऐसे में काम पूरा करने के लिए मार्च 2025 की नई डेडलाइन तय की गई है.
Bhagalpur News : भागलपुर के भैरवा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम पिछले छह महीने से बंद था, जो मंगलवार को पूजा-पाठ के साथ फिर से शुरू हो गया. गुरुवार से इसके काम की गति बढ़ जाएगी. करीब 45 फीसदी काम बाकी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा करने की समय सीमा तय की गई है. पहले से चयनित एजेंसियां योगी कंस्ट्रक्शन, केपीएल और सम्या कंस्ट्रक्शन ज्वाइंट वेंचर सौंदर्यीकरण का काम पूरा करेगी.
जुलाई 2023 में ही पूरा किया जाना था काम
पहले इस कार्य को पूरा करने की डेडलाइन जुलाई 2023 थी, लेकिन समय विस्तार मिलने के बाद इसे हर हाल में जून 2024 तक पूरा करना था. पूरा होने से पहले एजेंसी ने कई कारणों से काम रोक दिया था. अब सौंदर्यीकरण का काम शुरू हुआ है, तो लेबलिंग, घाट निर्माण, कैफेटेरिया, वोटिंग सहित पब्लिक यूटिलिटी से जुड़े बचे हुए कामों के साथ ही प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना है. योजना के मुताबिक 15 एकड़ में फैले और करीब 7 मीटर (24 फीट) गहरे भैरवा तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाना है.
एजेंसी को 30 करोड़ रुपये का हो चुका है पेमेंट
अब तक कार्य की उपलब्धता के आधार पर कार्य एजेंसी को 30 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है. यह पूरी परियोजना लगभग 38.92 करोड़ रुपए की है. कार्य पूर्ण होने के बाद शेष 8.92 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा.
छह महीने तक बंद था काम
भैरवा तालाब का सौंदर्यीकरण करीब 182 करोड़ की लागत से होना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट से कई काम हटा दिए गए. इससे एग्रीमेंट की राशि भी घटकर 38.92 करोड़ रह गई. यह बात एजेंसी को रास नहीं आई और उन्होंने काम रोक दिया. दरअसल, कंपनी ने 182 करोड़ के काम के हिसाब से अपना सेटअप तैयार किया था और अचानक कंपोनेंट के साथ राशि कम होने से वे इसे स्वीकार नहीं कर पाए. स्मार्ट सिटी के काफी समझाने के बाद अब वे मान गए हैं और काम शुरू कर दिया है.
भैरवा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया है. इसे पूरा करने की समय सीमा मार्च 2025 तय की गई है. काम तेजी से होगा. एजेंसी को बचे हुए काम को पूरा करना अनिवार्य होगा. परियोजना के कंपोनेंट और अनुबंध की राशि में कटौती के कारण एजेंसी इसे स्वीकार नहीं कर पा रही थी, लेकिन समझाने के बाद वह मान गई और काम शुरू हो गया है.
पंकज कुमार, पीआरओ, स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड, भागलपुर
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