कहलगांव. श्यामपुर पंचायत के कलगीगंज में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को प्रवचन के दौरान आचार्य शुभम जी महाराज ने कहा कि इस सृष्टि में जितने भी प्राणी हैं सब अपने कर्मों के अनुसार ही सुख और दुख को प्राप्त करते हैं. परमात्मा किसी को अकारण दुख नहीं देते हैं. प्रभु स्वयं अपने मुख से कहते हैं कि कोई भी प्राणी हलाहल विषपान कर ले, तो बचा सकता हूं, कोई प्राणी गहरे जल में डूब रहा हो, तो भी बचा सकता हूं, अग्नि में जल रहा हो, तो मैं बचा सकता हूं, परंतु यदि कोई व्यक्ति साधु-संतों, ब्राह्मणों व अपने गुरु का अपमान करता है, तो मैं भी उस भक्त को बचाने में समर्थ नहीं हो पाऊंगा. उन्होंने ने कहा कि सच्चे भक्ति भाव से प्रभु का भजन, सुमिरन करें, तो प्रभु हम सब पर प्रसन्न होकर किसी न किसी रूप में दर्शन जरूर देते हैं और कृपा बरसाते हैं. विदुर जी का सुंदर सा प्रसंग श्रवण कराते हुए महाराज ने सबको उपदेश दिया कि हमारा भी भाव विदुर जैसा यदि हो जाए तो भगवान किसी न किसी रूप में हमारे घर आकर व प्रसाद पाकर हमारे घर को धन्य करेंगे. हमको व हमारी भक्ति भावना को स्वीकार करेंगे. कथा सुनने के लिए काफी संख्या में महिला श्रद्धालुओं सहित स्थानीय ग्रामीण व आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित थे.
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