Bhagalpur: भोलानाथ फ्लाई ओवरब्रिज के निर्माण का रास्ता कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही साफ हो गया है. इससे ना सिर्फ दक्षिणी क्षेत्र के लोगों की जिंदगी बदल जायेगी, बल्कि एक लाख से अधिक आबादी की राह भी आसान हो जायेगी. साथ ही जाम की समस्या का भी समाधान हो सकेगा.
भोलानाथ फ्लाई ओवरब्रिज के निर्माण का मामला करीब 14 साल से लंबित था. दो साल पहले पुल निर्माण निगम से फाइल को पथ निर्माण विभाग के हेडक्वॉर्टर भेजा गया था. बीते माह फरवरी में फाइल खोला गया. इसके बाद स्वीकृति मिलने से ना केवल उम्मीद जगी थी, बल्कि निर्माण की दिशा में कदम भी बढ़ने के आसार बने. कैबिनेट के फैसले से यह अब पूरा हो गया है.
बताया जाता है कि भोलानाथ फ्लाई ओवरब्रिज के निर्माण के लिए टेंडर का निर्णय जल्द लिया जायेगा. इस ओवरब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया साल 2008 में ही शुरू हुई थी. लेकिन, हर बार किसी-न-किसी अड़चन के कारण मामला अटक जा रहा था. अब सारी अड़चनें दूर हो गयी हैं.
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब फंड भी मिलेगा. फंड मिलने पर सबसे पहला काम रेलवे को पैसा देकर जनरल एग्रीमेंट ड्राइंग (जीएडी) यानी, ड्राइंग मंगाने का होगा. दरअसल, जीएडी को रेलवे ने स्वीकृत कर दिया है. लेकिन, इसके बदले उन्हें दो फीसदी यानी करीब 2.35 करोड़ रुपये सुपरविजन चार्ज चाहिए. इस मद में फंड नहीं होने के कारण पुल निर्माण निगम रेलवे से स्वीकृत ड्राइंग नहीं मंगा सका है.
भोलानाथ फ्लाइओवर बनाने के लिए सबसे बड़ी अचड़न जगह को लेकर भी है. इस जगह पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग होने से सड़क संकरी हो गयी है. शीतला स्थान चौक से बौंसी रेल लाइन तक जमीन अधिग्रहण किये जाने की बात कही जा रही है.
फ्लाइओवर ब्रिज का निर्माण 117.89 करोड़ से होगा. कैबिनेट ने राशि को मंजूर कर लिया है. मालूम हो कि भोलानाथ एफओबी के निर्माण की लागत पहले 33 करोड़ थी, जो बढ़ कर करीब 118 करोड़ हो गयी है. साल 2008 में पहली बार 33 करोड़ का प्रस्ताव कर स्वीकृति के लिए हेडक्वार्टर भेजा गया था. 13 सालों में 33 करोड़ के प्रस्ताव में तीन बार संशोधन किया गया है.
पानी की निकासी का साधन नहीं होने से वैसे तो सालभर भोलानाथ अंडरपास के नीचे जलजमाव की समस्या रहती है. लेकिन, बारिश में स्थिति और गंभीर हो जाती है. आना-जाना दोनों कठिन हो जाता है. फ्लाइ ओवरब्रिज बनने से बबरगंज, बागबाड़ी, कुतुबगंज मानिकपुर, मोहद्दीनगर, मिरजानहाट, सिकंदपुर, शिवपुरी कॉलोनी, एलआइसी कॉलोनी, लालूचक, सरमसपुर, इशाकचक, नयाचक समेत दक्षिणी क्षेत्र के एक लाख से अधिक आबादी को आवागमन में सुविधा होगी. जाम की समस्या का भी काफी हद तक समाधान होगा.
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वर्ष 2005 : पहली बार हुई थी घोषणा
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वर्ष 2008 : निर्माण कार्य की शुरू हुई प्रक्रिया
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वर्ष 2009 : 33 करोड़ का पहली बार बना एस्टिमेट और भेजा स्वीकृति के लिए
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वर्ष 2012 : निर्माण कार्य को लेकर फिर से शुरू हुई कवायद
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वर्ष 2012 : 65 करोड़ का एस्टिमेट संशोधन के बाद हुआ तैयार
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वर्ष 2017 : भोलानाथ फ्लाइ ओवरब्रिज निर्माण कराने की फिर हुई घोषणा
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वर्ष 2019 : 117.89 करोड़ का एस्टिमेट फिर संशोधन के बाद हुआ तैयार
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वर्ष 2019 : निर्माण को लेकर फिर से प्रक्रिया में आयी तेजी
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वर्ष 2021 : डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा : निर्माण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी.
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चौड़ाई : 8.4 मीटर यानी, 58 फीट (टू लेन बनेगा)
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लंबाई : 1110 मीटर
निर्माण की राशि : 117.89 करोड़ रुपये, इसमें 45 करोड़ भू-अर्जन पर खर्च होंगे.