भागलपुर विस्फोट: एसआइटी के साथ डीआइजी ने की हाइलेवल मीटिंग, जांच में हो रही देरी को लेकर दी सख्त हिदायतें
रेंज डीआईजी सुजीत कुमार ने बताया कि काजीवलीचक विस्फोट को लेकर की गयी बैठक के दौरान एसआइटी में शामिल सदस्यों से उनके द्वारा अब तक किये गये कार्यों की पूरी जानकारी ली गयी.
काजीवलीचक विस्फोट मामले को लेकर सोमवार देर शाम रेंज डीआइजी सुजीत कुमार ने अपने कार्यालय में एसआइटी में शामिल अधिकारियों और पदाधिकारियों के साथ हाइलेवल मीटिंग की. मिली जानकारी के अनुसार घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी घटना संबंधित कोई भी सुराग नहीं मिला है, इसको लेकर उन्होंने एसआइटी के सदस्यों को जम कर फटकार लगायी है. साथ ही कई बिंदुओं पर जांच को लेकर सख्त हिदायतें दी है. रेंज डीआइजी सुजीत कुमार ने बताया कि काजीवलीचक विस्फोट को लेकर की गयी बैठक के दौरान एसआइटी में शामिल सदस्यों से उनके द्वारा अब तक किये गये कार्यों की पूरी जानकारी ली गयी. हालांकि घटना की जांच में अब भी कई बिंदु अनछुए थे, जिन्हें आगे की जांच में शामिल करने के निर्देश दिये गये हैं.
डीआईजी ने बताया कि कांड के अनुसंधान के दौरान दो सबसे अहम बातों की जानकारी निकालना जरूरी है. इसमें पटाखा और बारूद के इस अवैध कारोबार का पूरा रैकेट किस तरह से चलता है. इस घटना में आगे से लेकर पीछे तक यानी कि बारूद कहां से लाये जाते हैं, कौन लोग हैं जो अवैध पटाखा बनाते हैं, बनाने के बाद इन्हें किन लोगों तक पहुंचाया जाता है और किस तरह के लोगों के पास इसे बेचा जाता है आदि बिंदु शामिल हैं. इसके अलावा घटना की रात आखिर ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से इतना बड़ा धमाका हो गया. उक्त मामले में अब तक किसी भी बात का खुलासा नहीं हो सका है.
तहखाने में छिपा कर तो नहीं रखा था बारूद
भागलपुर विस्फोट मामले की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है. विस्फोट में उठी आवाज और उससे हुए नुकसान का आकलन करने वाले लोगों को घटना में पटाखा से हुए विस्फोट की बात हजम नहीं हो रही है. इधर मलबे की सफाई के दौरान एक जगह एक गहरा गड्ढा पाया गया. कयास लगाया जा रहा है कि उक्त गड्ढा नहीं बल्कि पटाखों को छिपाने के लिए तहखाना बनाया गया था. इसमें छिपा कर सैकड़ों पटाखा, विस्फोटक और कई किलो बारूद रखे गये थे.
उसी तहखाने में हुए विस्फोट को लेकर ब्लास्ट होने की आशंका जतायी जा रही है. एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी बंद जगह एक साथ रखा हुआ भारी मात्रा में बारूद या पटाखा भी एक बड़े बम की तरह ही काम करता है. आशंका है कि तहखाने में रखे बारूद व पटाखे की वजह से वहां उसका गैस बना और तहखाने के उपर हुए ब्लास्ट के बाद उसमें बने गैस में भी आग लग गयी और एकाएक बड़ा धमाका हुआ. इससे इतनी ज्यादा क्षति हुई.