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भागलपुर ब्लास्ट: एक साथ हुआ 14 शवों का अंतिम संस्कार, स्ट्रेचर से उतरकर पिता-भाई को जख्मी ने दी मुखाग्नि

भागलपुर विस्फोट में अबतक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. 10 से अधिक लोग घायल हैं. शुक्रवार को सभी शवों का एक साथ दाह संस्कार किया गया. बरारी श्मशान घाट पर एकसाथ शवों का कतार देख लोग भावुक हो गये.

By Prabhat Khabar News Desk | March 5, 2022 5:28 PM

ब्रजेश नंदन माधुर्य: भागलपुर विस्फोट में अबतक 14 लोगों के शव मलवे के अंदर से बरामद किये गये. शुक्रवार को सभी शवों का दाह-संस्कार किया गया. लेकिन प्रशासनिक पदाधिकारी की ओर से विस्फोट में मरे लोगों को आखिरी वक्त भी सम्मान नहीं मिल पाया. श्मशान घाट पर खासकर लावारिस लाश का जैसे-तैसे दाह संस्कार कर दिया गया. इतना ही नहीं एक ही चिता पर दो शव को मिलाकर दाह संस्कार कर दिया गया. एक बच्चे के शव को नदी में बहा दिया.

एक ही परिवार के पांच सदस्यों को एक साथ दी गयी मुखाग्नि :

विस्फोट में मरे एक ही परिवार के पांच सदस्यों की चिता को परिवार में बचे अलग-अलग सदस्यों ने एक साथ मुखाग्नि दी. एक साथ लीलावती देवी, उनकी पुत्री पिंकी देवी, नाती प्रियांशु, दूसरी पुत्री आरती देवी, आरती देवी का पुत्र अयंश के शव की चिता सजायी गयी. एक साथ सजी चिता को देखकर श्मशान घाट आये परिजन समेत अन्य लोग भी गमगीन थे. ऐसे भयावह दृश्य को देख कर सभी की आंखों में आंसू आ गये.

अस्पताल में भर्ती पुत्र श्रवण ने श्मशान पहुंच दी मुखाग्नि

विस्फोट में घायल श्रवण ने मायागंज अस्पताल से कुछ देर के लिए छुट्टी लेकर अपने पिता राजकुमार साह और छोटे भाई राहुल को मुखाग्नि दी. पैर में लगे बैंडेज में श्रवण ने स्ट्रेक्चर से उठकर मुखाग्नि दी तो माहौल और गमगीन हो गया.

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एंबुलेंस से शव उतारने वाला कोई नहीं

श्मशान घाट पर एंबुलेंस से शव उतारने वाला कोई नहीं था. घाटराजा ने एंबुलेंस से शव को निकाला और चिता पर लिटाया. जिनका परिजन था, उन्हें भी शव उठाने का साहस नहीं हो रहा था.

किसी को पति ने दी मुखाग्नि, तो किसी को दादा ने, सब थे स्तब्ध

पिंकी देवी की चिता को मुखाग्नि पति दीपक मंडल ने दी तो प्रियांशु को दादा पारस मंडल ने मुखाग्नि दी. लीलावती देवी को दामाद दीपक मंडल ने मुखाग्नि दी. तो आरती देवी व अयंश के शव को भी बारी-बारी से मुखाग्नि देकर चिता में आग लगा दी गयी. इधर दो-दो लावारिस लाश को एक ही चिता पर जैसे-तैसे जला दिया गया.

लावारिस लाश को ऐसे दी गयी मुखाग्नि

एक लावारिस लाश को चिता पर फेंक दिया और मुंह के बल लिटा कर जला दिया गया. इसी घटना की शिकार उर्मिला देवी की चिता को नाती विवेक कुमार ने मुखाग्नि दी तो नंदिनी देवी को उनके पति मनीष कुमार ने मुखाग्नि दी. गणेश सिंह को पुत्र राम कुमार सिंह ने मुखाग्नि दी.

Published By: Thakur Shaktilochan

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