भागलपुर विस्फोट मामले में तीसरे दिन शनिवार को इलाज के क्रम में एक की युवती की मौत हो गयी, जबकि बाइपास में फेंके गये मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद घटना में मौत का आंकड़ा 16 पहुंच गया. हालांकि इसकी जांच चल रही है. इधर एटीएस की दस सदस्यीय टीम शनिवार सुबह घटनास्थल पहुंची. टीम ने करीब दो घंटे तक घटनास्थल की खुदाई कराने के बाद वहां से कई सामान जब्त किया. इससे पहले शुक्रवार रात भी टीम ने कई अहम जानकारियां हासिल कीं. रविवार को भी टीम के सदस्य घटनास्थल व आसपास की जांच करेंगे.
दूसरी ओर विस्फोट में क्षतिग्रस्त तीन मकानों को गिराने का आदेेश दिया गया है. इसके लिए पीड़ित परिवार ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वो मकान गिराने के अलावा उनके रहने व खाने की व्यवस्था कराये. घटना में बुरी तरह घायल आयशा का इलाज सिलीगुड़ी में चल रहा था, जहां शनिवार देर शाम उसकी मौत हो गयी. दूसरी ओर बाइपास में फेंके गये मलबा से बदबू के बाद वहां से एक अज्ञात क्षतविक्षित शव बरामद किया गया. इसके साथ ही इस बात की आशंका बढ़ गयी है कि रात में हटाये गये मलबे में कुछ और शव हो सकता है. दरअसल किसी को उस घर में कितने लोग थे इसकी पूरी जानकारी नहीं है.
जानकारी के अनुसार घटना में मरनेवाले 14 लोगों में से लीलावती देवी और महेंद्र मंडल के परिवार के लोगों को आरोपित बनाया गया है. इसमें कुछ घायल भी शामिल हैं. इसके अलावा लीलावती देवी से जमीन खरीदनेवाले हबीबपुर चंबेलीचक स्थित मोअज्जमचक निवासी मो आजाद को भी अभियुक्त बनाया गया है.
शनिवार दोपहर जिलाधिकारी सुब्रत सेन और एसएसपी बाबू राम पुलिस और प्रशासनिक टीम के साथ घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे. वहां घटनास्थल पर हंगामा कर रहे लोगों को समझाया. साथ ही सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
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जिलाधिकारी ने मामले में भवन निर्माण विभाग द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर जर्जर और खतरनाक घोषित तीन घरों को गिराने का निर्देश दिया. इधर, एसडीआरएफ, डिजास्टर मैनेजमेंट व नगर निगम टीम घर को गिराने की कार्रवाई में जुट गयी है. हालांकि मकान को रविवार सुबह गिराने की बात कही गयी. सदर एसडीएम धनंजय कुमार ने अपने नेतृत्व में इन घरों से सामान निकलवाया.