भागलपुर बम धमाका: आधा दर्जन IPS व DSP लेवल के अधिकारी, फिर भी बारूदों के ढेर पर शहर
भागलपुर के ततारपुर थाना क्षेत्र में हुए बम धमाके को लेकर कई सवाल सामने खड़े हो गये हैं. घटनास्थल से कुूछ ही दूरी पर दो थाने, रेलवे जंक्शन और आईपीएस अधिकारी के कार्यालय व आवास हैं. इस धमाके की सच्चाई की जांच की मांग हो रही है.
ठाकुर शक्तिलोचन: भागलपुर के ततारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत काजीवलीचक के एक मकान में गुरुवार को देर रात हुए भीषण बम विस्फोट में दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत हो गयी. वहीं 10 से अधिक लोग जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. बम धमाके की यह पहली घटना नहीं है. बात जिले की करें तो लगातार बम धमाके से अलग-अलग क्षेत्रों को दहलाया गया है. जिस जगह पर अभी धमाका हुआ है वहां भी पहले कई बार विस्फोट हो चुका है. लेकिन ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. इस बार धमाका तब हुआ है जब शहर में डीएसपी, एसपी और डीआईजी लेवल के कई अधिकारी तैनात किये गये हैं.
भागलपुर में गुरुवार को काजीवलीचक के जिस मकान में विस्फोट हुआ है वहां से कुछ ही दूरी पर दो थाने आते हैं. तातारपुर थाना जहां डीएसपी लेवल के अधिकारी बैठते हैं और कोतवाली थाना जहां खुद आइपीएस अधिकारी का भी कार्यालय व पास में आवास है.
घटनास्थल से कुछ ही दूर भागलपुर जंक्शन है, जहां हजारों यात्री रोजाना मौजूद रहते हैं. उसके बाद भी यहां बम-बारूद का खेल बेहद आम है. गुरुवार को हुए धमाके ने पूरे शहर को दहला दिया. इसकी गूंज पटना होकर दिल्ली तक गयी है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संज्ञान में लिया है.
जिस घर में बारूद का ये खेल चल रहा था वो घर पूरी तरह जमींदोज हो गया. लेकिन इस धमाके की धमक ने आस-पास के घरों को भी अपनी जद में ले लिया. पड़ोस के कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी. लोग भय के आलम में जी रहे हैं. विस्फोट की घटना इसी जगह पर पहले भी हो चुकी है. वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में पिछले साल भी कुल 6 धमाके हो चुके हैं जिनमें बच्चों समेत कई लोगों की जानें भी गयी. लेकिन पुलिस किसी भी घटना के बाद आगे की मजबूत तैयारी नहीं कर सकी.
भागलपुर में रेंज डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी, एएसपी, डीएसपी(हेडक्वॉटर), डीएसपी(लॉ एंड ऑर्डर) समेत कई वरीय पुलिस पदाधिकारी तैनात हैं. लेकिन उनके नाक के नीचे इस तरह की घटना होती है. पुलिस के रवैये पर विपक्ष ने भी निशाना साधा है. भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने पुलिस की भूमिका पर सीधे सवाल खड़े किये हैं. हालांकि अब कार्रवाई के नाम पर फिलहाल थानाध्यक्ष को निलंबित किया गया है. लेकिन सवाल कायम है कि क्या इतने भर से मामले की गंभीरता कम हो सकती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan