भागलपुर. तातारपुर थाना क्षेत्र का काजीवलीचक मोहल्ला पिछले दो दशक से अवैध पटाखा निर्माण और बिक्री के लिये चर्चित रहा है. शहर में किसी को भी अवैध रूप से या प्रतिबंधित पटाखा चाहिए तो वह खुद व खुद काजीवलीचक मोहल्ले के महेंद्र मंडल, नवीन मंडल या लीलावती देवी के घर पर पहुंच जाता था. जहां से मनमाने दाम पर पटाखा खरीदता था. उक्त सूचना पुलिस के पास भी थी. इसके बावजूद आज तक पुलिस ने उक्त घर में न तो छापेमारी की और न ही किसी भी प्रकार की कार्रवाई की.
गुप्त सूत्रों के अनुसार एक माह के भीतर ही पुलिस के एक मुखबिर ने जिला के ही एक पुलिस अधिकारी को फोन पर यह सूचना दी थी कि कोतवाली या तातारपुर इलाके में किसी बड़ी घटना के होने की आशंका है. उक्त सूचना मिलने के बावजूद भागलपुर पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और न ही इस संबंध में किसी भी प्रकार की कार्रवाई की. अगर उक्त सूचना के आलोक में कार्रवाई की जाती तो शायद इस तरह की घटना घटित होने से बच सकती थी. यह भी जानकारी मिली है कि बिहार पुलिस के खुफिया विभाग और एजेंसियों की ओर से भी लगातार भागलपुर पुलिस को बम धमाकों को लेकर चेतावनी दी जा रही थी.
विगत वर्ष 2021 के दिसंबर माह में पांच दिनों के भीतर हुए तीन बम धमाकों में दो लोगों ने अपनी जान गंवायी. उक्त घटनाओं को भागलपुर पुलिस ने गंभीरता से लिया और लगातार नाथनगर क्षेत्र में बम और विस्फोटक को लेकर कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया. ऑपरेशन से ऐसा हड़कंप मचा कि सभी बमबाज और अवैध रूप से बम बनाने वाले अपराधी बमों को घर से बाहर कूड़े के ढेर पर फेंकने लगे. उक्त ऑपरेशन में पुलिस को सफलता हाथ लगी है. मामले में एक दर्जन से अधिक जिंदा बमों को बरामद कर उसे डिफ्यूज कराया गया.
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