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Bihar: ये भागलपुर पुलिस है साहेब! थाने में गुंडों का दबदबा, बेखौफ होकर करते हत्या, जांच और सब रफा-दफा..

भागलपुर में पुलिस के ऊपर गंभीर आरोप लगने लगे हैं. अपराधी बेखौफ होकर अब हत्या भी करने से नहीं हिचकते. पुलिस का भय अपराधियों के अंदर से खत्म होता दिखने लगा है.

Bihar Crime News: भागलपुर में गुंडे अब बेखौफ हो गये हैं और पुलिस का भय अब अपराधियों के अंदर से समाप्त हो चुका है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा अगर पिछले दिनों हुए कुछ आपराधिक घटनाओं पर नजर डाला जाए.

थाने के नजदीक ही दो हत्याएं

बबरगंज थाना क्षेत्र के कुतुबगंज मोहल्ले में बीच सड़क हुए प्लॉटर अमरेंद्र सिंह को गोलियों से भून दिया गया. ऐसा ही कुछ पिछले दिनों अफजाल के साथ हुआ जब नाथनगर में अपराधियों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया. दोनों ही वारदातों को थाने से कुछ ही दूरी पर अंजाम दिया गया. वहीं बबरगंज मामले में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही ने कारोबारी की बली ले ली.

रंगदारी मांगने वाले को थाने से छोड़ा, निकलते ही करायी हत्या

पुलिस… अगर आप किसी संकट में हैं तो पुलिस का ख्याल ही आपको आता है ताकि वो आपकी रक्षा करे. लेकिन भागलपुर का हाल इससे बिल्कुल अलग दिखने लगा है. जिले में अपराधियों का बोलबाला अचानक तेजी से बढ़ा है. अपराधियों ने अब नया तरीका भी निकाला है. अब वो अपराध बाद में करते हैं लेकिन थाना को पहले मैनेज करते हैं. इसका नतीजा ये है कि एक कारोबारी जो कभी रंगदारी मांगकर अपने ऊपर हमला करने की शिकायत कराने गया उसके आरोपों को झूठा साबित कर दिया गया और कुख्यात को ‘पुलिस वाले बाबू’ ने आजाद कर दिया. उसी अपराधी ने अब शिकायत करने वाले प्लॉटर को ही गोलियों से भून दिया. पीड़ित परिवार का ऐसा आरोप है.

पुलिस की भूमिका पर सवाल

बबरगंज थाना क्षेत्र के कुतुबगंज मोहल्ले में बीच सड़क हुए प्लॉटर अमरेंद्र सिंह हत्याकांड मामले ने पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस अगर चाहती तो इस घटना को रोक सकती थी. लेकिन अपराधी को थाना से रिहा किया और शिकायत करने वाले को ही गलत बताते रहे. घटना के बाद पुलिस ने भले ही थानेदार को निलंबित किया और एसआइटी का गठन कर जांच और गिरफ्तारी के लिये छापेमारी शुरू कर दी. लेकिन इससे उन गंभीर आरोपों को नहीं ढका जा सकता.

पुलिस ने गुंडे को छोड़ा

परिजनों का आरोप है कि रंगदारी नहीं देने पर कालू यादव अपने सहयोगियों के साथ उनके घर पर पहुंचा था. फायरिंग की और लूटपाट भी किया. शिकायत मिलने पर 21 जुलाई को बबरगंज पुलिस ने कारू यादव को गिरफ्तार भी किया. पर कुछ घंटे बाद उसे थाना से छोड़ दिया. सिनियर अधिकारी तक ने जांच के बाद केस को फॉल्स करार दे दिया. और अब उसने हत्या करवा दी.

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बरारी में बेखौफ होकर फायरिंग,पुलिस की भूमिका पर सवाल

पुलिस पर सवाल केवल यहीं नहीं उठे हैं. सोशल मीडिया पर बरारी थाना अंतर्गत रहने वाले सुमित कुमार लगातार फेसबुक पर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते दिखते हैं. सुमित कुमार का आरोप है कि पुलिस का अपराधियों के साथ मिलीभगत है. जबरन एक केस में परिवार को उलझाया गया. और अब बेखौफ होकर अपराधी उसके घर के सामने फायरिंग करते हैं लेकिन सीसीटीवी फुटेज सामने रखने के बाद भी थाना उसकी बात सुनने को तैयार नहीं. शिकायतकर्ता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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