Bhagalpur News मायागंज अस्पताल में रात में सीटी स्कैन जांच बंद रहती है. इस कारण सड़क दुर्घटना के बाद इलाज के लिए लाये गये मरीजों का बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है. शनिवार देररात को जगदीशपुर में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल मारवाड़ी कॉलेज के दो छात्र विशाल व राहुल को लाया गया था. अस्पताल पहुंचते ही विशाल ने दम तोड़ दिया था. वहीं राहुल को इमरजेंसी विभाग के ऑपरेशन थियेटर में प्राथमिक इलाज के बाद रेफर कर दिया गया था.
सीटी स्कैन सेंटर बंद था
राहुल को सर में गंभीर रूप से चोट आयी थी. डॉक्टर ने राहुल के सर का सीटी स्कैन जांच कराने को कहा. लेकिन ऑपरेटर थियेटर के बगल में स्थित सीटी स्कैन सेंटर बंद था. डॉक्टरों ने बिना सीटी स्कैन रिपोर्ट के ही इलाज कर दिया. बता दें कि राहुल को शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. इलाज में काफी विलंब के कारण उसकी जान नहीं बच पायी. मामले पर अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ सचिन ने कहा कि रात में सीटी स्कैन जांच बंद नहीं होती है. पता लगाया जायेगा कि शनिवार की रात ड्यूटी पर कौन था. कहीं वह ड्यूटी से गायब तो नहीं था. मशीन के हैंड होने की भी आशंका बनी रहती है.
ट्रॉमा सेंटर के अभाव में घायल बच नहीं रहे
मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही ट्रॉमा सेंटर का बोर्ड लगा है. लेकिन सड़क हादसा, दुर्घटना व मारपीट में घायल लोगों के बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं हो पाती है. 13 अप्रैल की रात भी जीरोमाइल चौक पर सड़क हादसे में स्थानीय निवासी एक युवक की मौत हो गयी थी. अस्पताल में युवक को लाने के बाद युवक ने दम तोड़ दिया था. युवक के सर में गंभीर चोट लगी थी.
मरीजों को रेफर किया जा रहा
रात में इमरजेंसी वार्ड में कोई सीनियर डॉक्टर भी नहीं रहते हैं. ज्ञात हो कि बरारी रोड में बन रहे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में अत्याधुनिक ट्रॉमा वार्ड बनाया गया है. लेकिन इसे अबतक चालू नहीं किया गया है. जबतक यह अस्पताल शुरू होगा, तबतक न जाने कितने लोगों की मौत हो जायेगी. इस समय सर में चोट लगे अधिकांश मरीजों को रेफर किया जा रहा है. इनमें अधिकांश घायलों को झांसे में लेकर एंबुलेंस चालक मोटे कमीशन के चक्कर में लेकर सिलीगुड़ी चले जाते हैं.
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