चंपानगर स्थित सेमापुर घाट का सती बिहुला व विषहरी की प्राचीन गाथा में एक महत्वपूर्ण स्थान है. इस समय सेमापुर घाट की स्थिति काफी जर्जर है. इस घाट के निर्माण की मांग की मांग तेज हो गयी. इसको लेकर चंपानगर समेत पूरे नाथनगर के 150 से अधिक लोगों व विभिन्न संगठनों का हस्ताक्षर युक्ति पत्र डीएम को लिखा गया है. पत्र की प्रतिलिपि नगर निगम प्रशासन, मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को भी भेजी गयी. पत्र भेजने वाले चंपानगर के तांती टोला निवासी कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि अंग क्षेत्र में सदियों से बिहुला विषहरी की गाथा प्रचलित है. कथा के अनुसार सेमापुर घाट से ही केले के थंब से तैयार मंजूषा पर बिठाकर सती बिहुला व उसके पति बाला लखेंद्र के शव को बहाया गया था. मंजूषा के सहारे बिहुला अपने पति के शव को लेकर स्वर्ग पहुंच गयी थी. वहां से अपने पति समेत अपने पूरे परिवार का प्राण वापस लेकर लौटी थी. कपिल देव प्रसाद ने बताया कि इस घाट से जैन धर्म से जुड़े भगवान वासुपूज्य की जीवनी जुड़ी है. तांती बाजार स्थित जैन श्वेतांबर मंदिर के निकट सेमापुर घाट स्थित है. यहां पर सालों भर पूरे देश से जैन श्रद्धालु आते हैं. सेमापुर घाट के निकट प्राचीन जगन्नाथ मंदिर है. इस मंदिर से महंथ गोपाल दास, रामचरण दास समेत कई साधु संत निवास करते थे.
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