भागलपुर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने कई कर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये. वैसी सभी एएनएम जिनके द्वारा अनमोल एप का उपयोग नहीं किया जा रहा है, उनका वेतन या मानदेय स्थगित करने का निर्देश दिया गया. अनमोल एप पर असक्रिय एएनएम को 23 मार्च तक शत-प्रतिशत सक्रिय करने को कहा गया.
स्वास्थ्य विभाग की आशा एवं आइसीडीएस के आंगनबाड़ी में समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा गया. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान से संबंधित संपूर्ण टीकाकरण का आंकड़ा आशा के द्वारा शत प्रतिशत उपलब्ध नहीं कराये जाने को गंभीरता से लिया गया. वहीं इसकी जवाबदेही संबंधित प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक को दी गयी. साथ ही जिला सामुदायिक उत्प्रेरक को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया.
भागलपुर डीएम ने 268 आशा से मांगा स्पष्टीकरण
268 आशा द्वारा बेहतर कार्य नहीं होने के कारण स्पष्टीकरण का निर्देश दिया गया. कार्य में संतोषप्रद वृद्धि नहीं होने पर आशा को चयनमुक्त करने के लिए भी कहा गया. इसके अलावा आरबीएसके सन्हौला की एएनएम रानू कुमारी को लगातार अनुपस्थिति की वजह से शनिवार से ही निलंबित करने का निर्देश दिया गया.
डीएम ने कहा कि आरसीएच पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं की सूचना अपलोड का लक्ष्य 99 प्रतिशत एवं बच्चों की सूचना 107 प्रतिशत की उपलब्धि हुई है. इस कार्य पर संतोष जताया गया. प्रथम तिमाही में गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण में जिले की औसत उपलब्धि 83 प्रतिशत पाया गया जो की विगत माह की तुलना में नौ प्रतिशत ज्यादा हैं.
आशा को 98 प्रतिशत की उपलब्धि का लक्ष्य
डीएम ने 98 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि वैसी आशा जिनके द्वारा उनके कार्य क्षेत्र में 98 प्रतिशत से कम गर्भवती महिलाओं का प्रथम तिमाही में पंजीकरण किया जायेगा, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. एनसीडी स्क्रीनिंग की गुणवत्ता की जांच करने का निर्देश पीरामल संस्था को दिया गया.
दवा दुकानों में छापेमारी कर एक्सपायर दवा मिलने पर करें कार्रवाई
सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या के बराबर संबंधित पोर्टल पर मरीजों को दवा वितरण की एंट्री सुनिश्चित करने काे कहा गया. जबकि बीते माह में टेली कंसल्टेशन 60 प्रतिशत की उपलब्धि के विरुद्ध वर्तमान माह में 92 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त की गयी. जिसे एक सप्ताह में शत प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया. सहायक दवा नियंत्रक को कहा गया कि जिले में दवा दुकानों पर छापा मारते हुए एक्सपायर हो चुके दवा एवं गलत प्रकार की दवा मिलने की स्थिति में कार्रवाई करने को कहा गया.
सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया की वैसे निजी स्वास्थ्य संस्थान जो क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010 में पंजीकृत नहीं हैं अथवा जिनका नवीकरण नहीं हुआ है. उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए कहा गया.