– जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के लेक्चर हॉल में कार्यशाला का आयोजन
– जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के लेक्चर हॉल में मंगलवार को संक्रमण से बचाव और परिवार नियोजन सेवाओं को लेकर उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के इंचार्ज व कर्मचारियों को संक्रमण से बचाव और परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में जानकारी दी गयी. वहीं, प्रसव व गर्भपात के बाद परिवार नियोजन सेवाओं के लिए कार्यशाला का आयोजन हुआ. स्त्री रोग एवं प्रसव विभाग की एचओडी डॉ अनुपमा सिन्हा और सहायक प्रोफेसर डॉ सुधा ने परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में बताया. कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि हर गर्भवती को उसके एएनसी (एंटी नैटल केयर) के दौरान ही परिवार नियोजन पर नियमित परामर्श मिलना चाहिये. ताकि प्रसव के बाद महिलाएं दो बच्चों के बीच कम से कम दो साल का अंतराल बनाये रख सकें.
डिलीवरी के 42 दिन बाद महिलाओं में आती है प्रजनन क्षमता पीएसआइ इंडिया के नवीन राय व अंजना अवस्थी ने कार्यशाला को संबाेधित किया. उन्होंने कहा कि प्रसव के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता सामान्य रूप से 42 दिनों में वापस आ जाती है. इस दौरान यौन संबंध बनाने पर गर्भधारण का खतरा बढ़ जाता है. गर्भपात के बाद महिला केवल 12 दिनों तक गर्भधारण से प्राकृतिक रूप से सुरक्षित रहती है. इसके बाद गर्भधारण हो सकता है. अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किसी न किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग आवश्यक है. मौके पर मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के इंचार्ज, नर्सिंग स्टाफ, परिवार नियोजन परामर्शदाता, शल्य कक्ष सहायक और अन्य कर्मी थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है