गंगानदी के जलस्तर में आंशिक कमी के बावजूद बाढ़ की स्थिति जस की तस है. जल संसाधन विभाग पटना द्वारा 24 सितंबर को दोपहर दो बजे जारी सूचना के अनुसार भागलपुर में गंगा का जलस्तर 18 सेंटीमीटर कम हुआ है. हालांकि जलस्तर अभी भी खतरे के निशान 33.68 मीटर से 80 सेंटीमीटर ऊपर है. मंगलवार को नौ बजे रात तक जलस्तर 34.48 मीटर रहा. बुधवार को जलस्तर में तेजी से कमी आने की उम्मीद है. बाढ़ के कारण गंगाघाट से सटे शहर के मोहल्लों में पानी की तेज धार का दबाव बरकरार है. सबसे खराब स्थिति नयाबाजार के पास कसबा गोलाघाट, बूढ़ानाथ मंदिर के निकट सखीचंद घाट, उपकार क्लब घाट, आदमपुर बैंक कॉलोनी, टीएमबीयू प्रशासनिक भवन परिसर, विसर्जन घाट, बरारी पुल घाट व श्मशान घाट की है. इन मोहल्लों में 100 से अधिक घरों में जलजमाव के कारण यहां रहने वाले लोगों का जीवन कष्टप्रद है. कसबा गोलाघाट के 60 घर जलमग्न हैं. दीपनगर में 70 झुग्गी डूब गयी है. मानिक सरकार घाट में 10 घर व बैंक कॉलोनी में 35 से अधिक घरों में पानी घुसा है. बाढ़ में फंसे परिवार के सदस्य पड़ने लगे बीमार : बीते एक सप्ताह से पानी में घिरे परिवार के लोग बीमार पड़ने लगे हैं. घर में रखे राशन अब खत्म होने की कगार पर हैं. बाथरूम में पानी भरने के कारण घर के सभी सदस्य मुश्किल में हैं. सबसे ज्यादा भय बच्चों व वृद्ध को लेकर है. पानी में बहकर आये सांप व अन्य जहरीले जीव का हर समय खौफ बना रहता है. बाढ़ में घिरे लोग कई दिनों से काम पर नहीं गये. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. कई घरों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी है. भीषण गर्मी व उमस से त्रस्त हैं. विसर्जन घाट पर शरण लिये बाढ़ पीड़ित मुकेश यादव आक्रोश में कहते हैं कि अब तक कोई नेता देखने भी नहीं आया है.
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