स्टाफ की कमी से 20 बेड का पेडियाट्रिक्स आइसीयू कार्यरत नहीं
मायागंज अस्पताल : स्टाफ की कमी से 20 बेड का पेडियाट्रिक्स आइसीयू कार्यरत नहीं
– मानसून के दौरान मस्तिष्क ज्वर के मरीज बढ़ने की आशंका, राज्य सरकार का अलर्ट जारी वरीय संवाददाता, भागलपुर मानसून के दौरान भीषण गर्मी व उमस के कारण राज्य में एक बार फिर से बच्चों के बीच मस्तिष्क ज्वर की आशंका बढ़ने लगी है. इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने मस्तिष्क ज्वर या दिमागी बुखार या एइएस की रोकथाम को लेकर अधिसूचना जारी की है. भागलपुर समेत राज्य के मुख्य अस्पतालों में इलाज के लिए पर्याप्त बेड, दवा व जरूरी संसाधन तैयार रखने को कहा गया है. इधर, मायागंज अस्पताल के शिशुरोग विभाग में बच्चों का आइसीयू यानी पीकू वार्ड में इस समय आठ बेड संचालित है. वहीं स्टाफ की कमी के कारण 20 बेड फंक्शनल नहीं है. डीएम ने निरीक्षण के दौरान इसे चालू करने को कहा था. शिशुरोग विभाग के एचओडी डॉ केके सिन्हा ने बताया कि चमकी से पीड़ित एक भी मरीज अबतक भर्ती नहीं हुआ है. राज्य में चमकी के मरीजों का मिलना शुरू नहीं हुआ है. दरअसल, गर्मी के सीजन में एइएस बीमारी वायरस के कारण फैलता है. उमस के कारण वायरस का मल्टीप्लीकेशन तेजी से होने लगता है. कोविड काल में तैयार हुआ था पीकू वार्ड : एचओडी ने बताया कि नवजात बच्चों के लिए आइसीयू यानी नीकू वार्ड में 36 बेड संचालित है. कोविड के समय प्रधान सचिव की चिट्ठी आयी थी कि 30 बेड का पीकू तैयार कर लीजिये. उनके निर्देश पर 10 बेड का पीकू वार्ड शिशु विभाग में बनाया गया. यह वार्ड पूरी तरह से उपकरणों से सुसज्जित है. वहीं 10 बेड का एमसीएच वार्ड में बनाया गया है. मुख्यालय स्तर से सिस्टर व अन्य स्टाफ की बहाली होने वाली है. डॉक्टर के एडवाइस के बाद बच्चों को पीकू वार्ड में भर्ती किया जाता है. लेकिन बच्चों की देखभाल सिस्टर ही करती है. इधर, सदर अस्पताल परिसर में 32 बेड का फैब्रिकेटेड पीकू वार्ड बनकर तैयार हो गया है. सदर अस्पताल प्रभारी डॉ राजू ने बताया कि पीकू वार्ड लगभग तैयार है. इसके हैंडओवर की तैयारी चल रही है. आपात स्थिति में बच्चों का यही इलाज होगा. साथ ही इमरजेंसी विभाग में आइसीयू के पर्याप्त बेड हैं.
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