प्रभात खबर पड़ताल
– सभी शहरी अस्पतालों के डॉक्टरों का एक साथ हो गया है ट्रांसफर, अबतक नये डॉक्टरों की तैनाती नहीं
वरीय संवाददाता, भागलपुर
नगर निगम क्षेत्र में संचालित आठ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) में बीते तीन दिनों से बिना डॉक्टर के इलाज प्रभावित हो रहा है. इनमें शहरी पीएचसी सच्चिदानंदनगर, बरारी, किलाघाट, चंपानगर, रेकाबगंज, मोहद्दीनगर, बुधिया व हुसैनाबाद हैं. सभी यूपीएचसी में प्रतिनियुक्त डॉक्टरों को ट्रांसफर हो गया है. इस कारण सोमवार से लेकर बुधवार तक यहां आने वाले मरीजों का इलाज बंद है. 24 जुलाई को इन आठ अस्पतालों से करीब 600 मरीज बिना इलाज कराये वापस लाैट गये.
सिर्फ गर्भवती महिलाओं की जांच व टीकाकरण समेत अन्य कार्य एएनएम के भरोसे चल रहा है. मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर बुधवार को प्रभात खबर ने यूपीएचसी सच्चिदानंदनगर व बरारी की पड़ताल की. सच्चिदानंदनगर का डॉक्टर चेंबर खाली दिखा. कर्मचारी अपने-अपने चेंबर में बैठे नजर आये. कर्मियों ने बताया कि यहां पर रोजाना औसतन 50 मरीजों की जांच होती है. डॉक्टर नहीं रहने की सूचना के बाद 10 से 15 मरीज इलाज के लिए आये थे. डॉक्टर नहीं रहने के कारण इन्हें वापस लौटना पड़ा. यही स्थिति यूपीएचसी बरारी में दिखी. अस्पताल परिसर में एक भी मरीज नहीं दिखे. कर्मियों ने कहा कि बिना जानकारी के हमलोग मरीजों को दवा नहीं दे सकते हैं. अगर कोई बात हो गयी तो मामला कौन संभालेगा. कर्मियों ने बताया कि बुधवार को चार पांच मरीज आये थे. डॉक्टर नहीं रहने पर वापस लौट गये.
मायागंज व सदर अस्पताल में भेज रहे मरीजों को : शहरी पीएचसी में सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित मरीजों के आने के बाद पारासिटामोल व अन्य सामान्य द दवा देकर घर भेज दिया जाता है. वहीं गंभीर मरीजों को सदर अस्पताल या मायागंज अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए भेजा जा रहा है. मरीजों को कहा जा रहा है कि डॉक्टर साहब का ट्रांसफर हो गया है. यहां इलाज करने वाला कोई नहीं है.
एक दो दिनों में डॉक्टरों की होगी तैनाती : जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम मणिभूषण झा ने बताया कि सिविल सर्जन को आग्रह किया गया हैं, एक-दो दिन में डॉक्टरों की तैनाती होगी. जिले के अन्य अस्पतालों से डॉक्टरों को यहां लाया जायेगा. शहरी पीएचसी में तैनात डॉक्टर ट्रेनिंग अवधि में थे. राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र जारी कर ट्रेनी डॉक्टरों को दो दिन के अंदर आवंटित अस्पतालों में योगदान का निर्देश दिया गया. इसके बाद यूपीएचसी में तैनात डॉक्टर अपने मूल अस्पताल चले गये. इस समय श्रावणी मेला में 39 डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं.
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