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जीबीएस सिंड्रोम से पीड़ित बच्ची का मेदांता पटना में नि:शुल्क इलाज शुरू

जीबीएस सिंड्रोम से पीड़ित बच्ची का मेदांता पटना में नि:शुल्क इलाज शुरू

– दुर्लभ बीमारी की दवा मायागंज अस्पताल में उपलब्ध नहीं, 15 वाइल दवा की जरूरत है जो काफी महंगी है

वरीय संवाददाता, भागलपुर

मायागंज अस्पताल में 20 जुलाई को तंत्रिका प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी दुर्लभ बीमारी गिलियन-बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) से पीड़ित पूर्णिया निवासी 13 वर्षीय बच्ची आरती कुमारी को भर्ती किया गया था. बेहतर इलाज के लिए बच्ची को मायागंज अस्पताल ने मेदांता अस्पताल पटना रेफर कर दिया है. सरकारी योजना के अनुसार बच्ची का नि:शुल्क इलाज किया जायेगा. इसके लिए मरीज के परिजन से वार्षिक आय 1.60 लाख रुपये का आय प्रमाण पत्र लिया गया. अस्पताल में बच्ची को इस बीमारी की दवा भी दी जायेगी. यह दवा मायागंज अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी. डॉक्टर ने बच्ची को 15 वाइल दवा देने की सलाह दी थी. बाजार में यह दवा काफी महंगी है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्ची के परिजन दवा नहीं खरीद पा रहे थे. इसके बाद परिजन अभय भारती ने अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश कुमार से मदद मांगी थी. उन्होंने योजना का लाभ देकर बच्ची को मेदांता रेफर करा दिया. पटना तक जाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस भी व्यवस्था की गयी.

क्या है जीबीएस सिंड्रोम बीमारी

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर की तंत्रिका प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाती है. तंत्रिकाओं को नुकसान के कारण मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी पक्षाघात होता है. हालांकि इसका कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन यह सिंड्रोम अक्सर वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के बाद होता है.

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