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महिला मरीज की मौत के बाद निजी अस्पताल हुआ बंद, उतारा अपना साइनबोर्ड

महिला मरीज की मौत के बाद निजी अस्पताल हुआ बंद, उतारा अपना साइनबोर्ड

By Prabhat Khabar News Desk | May 10, 2024 9:25 PM

सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार एक अन्य मामले में निजी अस्पताल के खिलाफ जांच जारी, अवैध तरीके से हो रहा संचालित

वरीय संवाददाता, भागलपुर

शहर के अलीगंज रोड स्थित जिस नर्सिंग होम में जगदीशपुर निवासी महिला मरीज खुशबू का ऑपरेशन कर गर्भपात कराया गया था, बुधवार को उसकी मौत के बाद गुरुवार को निजी अस्पताल बंद पाया गया. निजी अस्पताल के सामने लगा साइनबोर्ड उतार लिया गया है. जबकि कुछ दिन पहले तक अस्पताल के सामने लगे साइनबोर्ड में आदर्श मैटरनिटी सेंटर लिखा हुआ था. राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी के सामने स्थित भवन के पहले फ्लोर पर निजी अस्पताल चलाया जा रहा था, जबकि ग्राउंड फ्लोर पर मां मेडिकल हॉल चलता है. गुरुवार को इस मेडिकल हॉल का भी शटर गिरा हुआ पाया गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि मीडिया में महिला की मौत की खबर आने के बाद अस्पताल से भर्ती दूसरे मरीज को हटा लिया गया. आसपास के लोगों ने बताया कि इस वर्ष शिवरात्रि के दिन निजी अस्पताल के सड़क के दूसरी ओर कूड़े में नवजात बच्चे का शव फेंका हुआ मिला था. आशंका है कि डिलीवरी के बाद किसी बच्चे की मौत हो गयी थी, जिसे सड़क किनारे फेंक दिया गया था.

निजी अस्पताल के खिलाफ जांच चल रही

सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दो मई को आदर्श मैटरनिटी सेंटर के खिलाफ एक अन्य मामले में लिखित शिकायत दर्ज की गयी थी. इस निजी अस्पताल के खिलाफ टीम गठित की गयी है. टीम पुराने मामले के साथ-साथ खुशबू की मौत की भी पड़ताल करेगी. आशंका जतायी जा रही है कि अस्पताल अवैध तरीके से संचालित की जा रही है.

मृतक महिला मरीज का हुआ दाह संस्कार

महिला मरीज की मौत के बाद गुरुवार को पार्थिव शरीर का दाह संस्कार किया गया. इस घटना के बाद मृतक के घर में मातम पसरा हुआ है. बता दें कि बीते रविवार को जब निजी अस्पताल में खुशबू की हालत गंभीर हो गयी थी तब परिजनों को बिना सूचना दिये ही महिला को मायागंज अस्पताल पहुंचा दिया गया था. जहां सोमवार शाम को आइसीयू में उसकी मौत हो गयी. मृतक के पिता जगदीशपुर निवासी लक्ष्मी ठाकुर ने बताया कि मार्च में अलीगंज रोड स्थित आदर्श मैटरनिटी सेंटर में बेटी का ऑपरेशन कर गर्भपात किया गया था. निजी अस्पताल में जांच के बाद बताया गया था कि गर्भ में पल रहा सात माह का बच्चा खराब हो गया है. गर्भपात के 20 दिन बाद पेट में फिर से तेज दर्द होने लगा. खुशबू ने कई दिनों तक दर्द को सहा, लेकिन जब स्थिति गंभीर हो गयी, तब बीते शनिवार को फिर से निजी अस्पताल लेकर आये. पिता ने आरोप लगाया कि निजी अस्पताल ने ऑपरेशन के दौरान गड़बड़ी की है. इसके लिए मोटी फीस भी गयी है. पिता ने स्वास्थ्य विभाग से मामले की जांच करने का आग्रह किया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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