हाई फीवर से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट सामान्य, असमंजस में डॉक्टर

हाई फीवर से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट सामान्य, असमंजस में डॉक्टर

By Prabhat Khabar News Desk | July 30, 2024 10:05 PM

प्रभात खबर पड़ताल – मायागंज अस्पताल में रोजाना मिल रहे ऐसे मरीज, बुखार के मरीजों की डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया समेत वायरल फीवर की जांच रिपोर्ट निगेटिव वरीय संवाददाता, भागलपुर मॉनसून के सीजन में घर-घर सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या मायागंज व सदर अस्पताल के ओपीडी में लगातार बढ़ रही है. मायागंज अस्पताल के पैथोलॉजी सेंटर में रोजाना औसतन 70 मरीजों के सैंपल की जांच हो रही है. इनमें से आधे से अधिक मरीजों की रिपोर्ट सामान्य रहती है. तेज बुखार के बावजूद रिपोर्ट सामान्य रहने से डॉक्टर असमंजस में हैं कि आखिरकार मरीज को कौन सी बीमारी है. मंगलवार को पैथोलॉजी सेंटर में रिपोर्ट लेने आये नयाबाजार निवासी शंभु सिंह ने बताया कि बेटी को तेज बुखार आ रहा है. लेकिन रिपोर्ट में कुछ नहीं निकला. वहीं पैथोलाॅजी सैंपल कलेक्शन सेंटर के प्रभारी राजीव रंजन ने बताया कि इन दिनों बुखार की जांच को लेकर मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ी है. रोजाना विभिन्न बीमारियों के 250 से अधिक सैंपल इकट्ठे किये जा रहे हैं. इनमें से 70 के आसपास बुखार के रहते हैं. 15 दिन पहले तक इसकी संख्या 30-35 के आसपास थी. पैथोलॉजी सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार इस समय सबसे अधिक मरीज टायफाइड के मिल रहे हैं. कभी-कभार कालाजार के मरीज मिल रहे हैं. वहीं वायरल फीवर व मलेरिया से पीड़ित मिलते हैं. अबतक एक मरीज में डेंगू कंफर्म हुआ है. सरकार को वायरस के जांच की व्यवस्था करनी चाहिये : मामले पर मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ अबिलेष कुमार का कहना है कि किस कारण से मरीजों को बुखार आ रहा है. इसकी जांच आवश्यक है. इन दिनों बुखार से पीड़ित मरीजों के खून की जांच के बाद कुछ नहीं निकल रहा है. मरीजों को डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड समेत अन्य कोई बीमारी नहीं मिल रही है. आशंका है कि नये तरह का वायरस इन दिनों तेजी से प्रसार कर रहा है. वायरस की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग को विशेष जांच की व्यवस्था करनी चाहिये. इधर, पूर्णिया में वेसिकुलर वायरस से संक्रमित तीन मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं दो गंभीर मरीजों का इलाज जारी है. ऐसे में बीमारी की पहचान के लिए कोरोना समेत अन्य तरह के जांच की फिर से शुरुआत होनी चाहिये.

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