एक्सरे सेंटर की छत क्षतिग्रस्त, मरीजों पर किसी दिन गिर सकता है मलबा

एक्सरे सेंटर की छत क्षतिग्रस्त, मरीजों पर किसी दिन गिर सकता है मलबा

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 9:03 PM

प्रभात खबर पड़ताल

– पांच दशक पुरानी मायागंज अस्पताल की बिल्डिंग की हालत जर्जर, मरम्मत के नाम पर सिर्फ पेपरबाजीजिस बिल्डिंग में मायागंज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) का संचालन हो रहा है, वह परिसर करीब पांच दशक पुराना हो चुका है. समय के साथ-साथ अस्पताल परिसर के कई हिस्से टूटकर गिरने लगे हैं. मरम्मत के अभाव में भवनों से गिर रहे मलबे मरीजों की जान लेने को आमादा हैं. बारिश के कारण इन दिनों मलबा गिरने की घटना में वृद्धि हुई है. भवन के बाहरी हिस्सों के अलावा भीतरी हिस्से भी टूट फूट रहे हैं. मंगलवार को ओपीडी के एक्सरे सेंटर में यही दृश्य दिखा. जिस मशीन पर लेटाकर मरीजों का एक्सरे किया जा रहा था. उसके ठीक ऊपर कमरे की छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. कई कई हिस्से टूटने की कगार पर हैं. एक्सरे जांच के लिए जैसे ही मरीज को लेटाया जाता है, मरीज छत को देखकर भगवान को याद करने लगते हैं. मरीजों ने कहा कि जांच करने के दौरान ही किसी पर मलबा टूटकर गिर जायेगा. एक्सरे सेंटर के टेक्निशियन चंदन कुमार ने बताया कि लैब के दूसरे कमरे का भी यही हाल है. दूसरे कमरे में कंप्यूटर पर एक्सरे जांच की रिपोर्ट तैयार की जाती है.

अस्पताल पर बढ़ रहा मरीजों का दबाव, सुविधाएं जस की तस :

मायागंज अस्पताल के पुराने चिकित्सकों को बताया कि इस भवन की शुरुआत 1971 में की गयी थी. उस समय यह 400 बेड का अस्पताल था. वहीं यहां से संबद्ध मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटें थीं. लेकिन मरीजों के बढ़ते बोझ के कारण इस समय अस्पताल में औसतन एक हजार मरीजों का इलाज नियमित रूप से चलता है. मेडिकल कोर्स में सीट बढ़कर 120 हो गयी है. लेकिन मरीजों के बढ़ते बोझ को ध्यान में रखकर अस्पताल में सुविधाएं जस की तस हैं. मामले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि जर्जर हिस्सों को तोड़कर गिराया जा रहा है. वहीं अस्पताल की मरम्मत के लिए राज्य सरकार को पत्र कई बार लिया गया है. हाल ही में हुई घटनाओं की जानकारी देते हुए एक बार फिर से रिमाइंडर भेजा गया है. बता दें कि 30 जुलाई को ओपीडी भवन का मलबा गिरने से चार मरीज गंभीर रूप से घायल हो गये थे. इसके बाद भी कई हिस्सों का टूटना जारी है.

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