डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर हुई बैठक
उपमुख्य संवाददाता, भागलपुर
जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में डेंगू व चिकनगुनिया के नियंत्रण को लेकर मंगलवार को बैठक हुई. जिला वेक्टर वार्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दीनानाथ ने बताया कि डेंगू की जांच के लिए सदर अस्पताल में एनएस-एलिजा रीडर कार्यरत हैं और जांच के लिए जिले में 760 किट उपलब्ध हैं. डेंगू मरीज के लिए सदर अस्पताल में 11, अनुमंडल अस्पताल नवगछिया व कहलगांव में छह-छह, सभी रेफरल अस्पताल व प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो से चार बेड सुरक्षित रखे गये हैं. आवश्यकता पड़ने पर बेडों की संख्या बढ़ायी जायेगी. इसके साथ ही सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल व सभी रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रैपिड कीट उपलब्ध है. जिले में 14 पोर्टेबल फाॅगिंग मशीन उपलब्ध हैं. टेक्निकल मेलाथियम व लार्वा सिडल 12.25 किलोग्राम और पांच लीटर टेमोफोस उपलब्ध है. अभी तक जिले में एक भी डेंगू के मरीज नहीं मिले हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति पटना से प्राप्त बैनर महत्वपूर्ण स्थलों पर लगाये जा रहे हैं. शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में जाकर छात्राओं व शिक्षकों को डेंगू के लक्षण व बचाव के कारण बताये जा रहे हैं. डीएम ने होर्डिंग, फ्लेक्स, पंपलेट के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने का निर्देश दिया. इन बीमारियों के प्रति स्वास्थ्य विभाग को सचेत रहने को कहा. रेडी मोड में सभी व्यवस्थाएं रखने को कहा.——————-
क्या हैं इन बीमारियों के लक्षणडेंगू व चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर स्थिर व साफ पानी में पनपता है. तेज बुखार, बदन, सर व जोड़ों में दर्द, आंख के पीछे दर्द, नाक, मसूढ़े से या उल्टी के साथ रक्तस्राव, त्वचा पर लाल धब्बे, चकत्ते का निशान व काला पैखाना होना इसके लक्षण हैं.
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