– बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ आइएमए भवन पटना के निर्देश पर आज भी मायागंज अस्पताल की ओपीडी सेवा रहेगी बाधित वरीय संवाददाता, भागलपुर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) भागलपुर से जुड़े चिकित्सकों ने कैंडल मार्च निकालकर काेलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की मृतक पीजी छात्रा के लिए न्याय मांगा. डॉक्टरों ने हाथ में स्लोगन लिखे तख्तियों को लेकर वी वांट जस्टिस का नारा बुलंद किया. यह मार्च जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर नौलखा से तिलकामांझी चौक तक निकाला गया. मार्च में आइएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ सोमेन कुमार चटर्जी, डॉ अजुन सिंह, डॉ वीणा सिन्हा, डॉ डीपी सिंह, डॉ मणिभूषण, डॉ संजय सिंह, डॉ प्रतिभा सिंह, डॉ वसुंधरा लाल, डॉ बिहारी लाल, डॉ अर्चन झा, डॉ रोमा यादव, डॉ राजीव सिन्हा, डॉ महेश समेत जेडीए के 100 से अधिक चिकित्सक शामिल हुए. डॉ सोमेन कुमार चटर्जी ने कहा कि प्रशासन से मांग है कि हत्यारे को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाये. मृतक महिला चिकित्सक डॉ मौमिता देबनाथ ने डॉक्टर बनकर समाज की सेवा का सपना देखा था. अब यह अवसर खत्म हो गया. इस डरे हुए माहौल में डॉक्टर कैसे काम करेंगे. डॉक्टरों पर काम का बोझ, शारीरिक व मानसिक दबाव रहता है. जबतक कार्यक्षेत्र सुरक्षित नहीं होगा, डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं रहेंगे. डॉक्टरों की सुरक्षा समाज की भी जिम्मेदारी है. डॉक्टर व समाज के लोग एक दूसरे के पूरक हैं. इस आंदोलन में समाज को भी आगे आना होगा. कम से कम सोशल मीडिया पर भी आवाज उठाये. आज भी ओपीडी सेवा करेंगे बाधित : जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि मेडिकल छात्रा की हत्या के विरोध में बुधवार को भी मायागंज अस्पताल की ओपीडी सेवा बाधित करेंगे. इमरजेंसी सेवा जारी रहेगी. यह निर्णय बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ आइएमए भवन पटना से जारी हुआ. राज्य अध्यक्ष डाॅ. महेश प्रसाद सिंह व उपाध्यक्ष डाॅ. राेहित कुमार ने भागलपुर टीम काे भी इससे अवगत कराया है. संघ की मांग है कि इवनिंग व नाइट शिफ्ट को एक कर नया शिफ्ट बनाया जाये. हेल्थ वर्कर व डाॅक्टराें की सुरक्षा के लिए मेडिकल प्राेटेक्शन एक्ट काे अविलंब लागू किया जाये. आये दिन डाॅक्टराें पर हमले हाेते रहते हैं.
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