– डीएम ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के बाद दिये कई निर्देश वरीय संवाददाता, भागलपुर डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इसमें डीएम ने कई निर्देश दिये. उन्होंने ओपीडी के डॉक्टरों को भाव्या पोर्टल पर शत-प्रतिशत ऑनलाइन कंसल्टेशन का निर्देश दिया. जुलाई में जिले का औसत मात्र 77 प्रतिशत था. सदर अस्पताल में प्रतिदिन मात्र 50 प्रतिशत व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर में 50 प्रतिशत से कम कंसल्टेशन है. ओपीडी के अलावा इंडोर में भर्ती मरीजों का डाटा भी नर्स व एएनएम के द्वारा ऑनलाइन नहीं किया जा रहा है. डीएम ने सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद को कहा कि चिकित्सकों, नर्स व एएनएम द्वारा जिस प्रतिशत में ऑनलाइन कंसल्टेशन किया जायेगा, उसी प्रतिशत में उनका वेतन निर्गत करें. डीएम ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, अस्पताल प्रबंधकों को भाव्या कार्यक्रम में शत-प्रतिशत सुधार करने को कहा. एएनएम-आर व सीएचओ को दो दिनों की मोहलत : टेली कंसल्टेशन की जून की अपेक्षा जुलाई में उपलब्धि में 50 प्रतिशत की गिरावट मिली. इसका प्रमुख कारण एएनएम-आर व सीएचओ का कहलगांव, पीरपैंती, सुलतानगजं समेत अन्य प्रखंडों में हड़ताल पर रहना है. डीएम ने सीएस को कहा कि हड़ताल कर्मी यदि दो दिनों के अंदर योगदान नहीं करते हैं, तो उन्हें पदमुक्त करें. प्रथम तिमाही में गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण में जिले की औसत उपलब्धि 86 प्रतिशत रही. इसे 100 प्रतिशत करने को कहा गया. एनसीडी स्क्रीनिंग में जिला की उपलब्धि 101 प्रतिशत रही. जो राज्य में प्रथम हैं, लेकिन कहलगांव में मात्र 21 प्रतिशत व जगदीशपुर की 31 प्रतिशत ही उपलब्धि रही. डीएम ने सुधार का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान कार्यक्रम में नारायणपुर व इस्माइलपुर प्रखंड को शत प्रतिशत उपलब्धि का निर्देश दिया गया. प्रसव का आंकड़ा नहीं दे रहे निजी अस्पताल : डीएम ने कहा कि निजी अस्पताल व नर्सिंग होम अभी भी महिलाओं के प्रसव का आंकड़ा नहीं दे रहे. जुलाई में 103 प्रसव का आंकड़ा मिला. डीएम ने क्लीनिकल स्टैबलिशमेंट एक्ट से पंजीकृत सभी क्लीनिकों से पूरा आंकड़ा मांगा,अन्यथा कारवाई की बात कही. डीएम ने सितंबर से प्रारंभ हो रहे जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा को लेकर सभी प्रखंडों को शत-प्रतिशत उपलब्धि का निर्देश दिया. आशा के चयन एवं कार्यों के समीक्षा में जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि जून में काम में लापरवाही बरतने वाली 22 आशाओं को चयन मुक्त किया गया है. सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को कहा गया कि आशा के खाली पद को 15 दिनों में चयन कर भरें.
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