– मायागंज अस्पताल स्थित टीबी कल्चर एंड डीएसटी लैब के जांच मशीन में आयी खराबी – बीते 10 दिनों से टीबी के मरीज रिपोर्ट के लिए परेशान, करीब 250 सैंपल की जांच प्रभावित – मायागंज अस्पताल स्थित टीबी कल्चर एंड डीएसटी लैब में भागलपुर समेत 12 जिलों से आये संदिग्ध एमडीआर टीबी मरीजों के सैंपल की जांच होती है. बीते 28 सितंबर से लैब में स्थित जीटी ब्लॉट मशीन में खराबी आ गयी है. इस कारण बीते 10 दिनों से जांच रिपोर्ट जारी नहीं हो रही है. इस कारण संदिग्ध टीबी के मरीज रिपोर्ट के लिए परेशान हैं. लैब में रोजाना भागलपुर समेत बांका, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार, पूर्णिया, अररिया व किशनगंज जिले से मरीजों का सैंपल जांच के लिए आता है. लैब में औसतन रोजाना 25 सैंपल की जांच होती है. ऐसे में बीते 10 दिन में 250 सैंपल की रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है. दरअसल लैब में सैंपल का कल्चर, माइक्रोस्कोपिक जांच हो रही है. जबकि एमडीआर टीबी का निर्धारण करने वाली एलपीए टेस्ट नहीं हो रहा है. लैब में हर माह 700 से 800 जांच होती है. लैब में इस समय सैंपल की जांच के लिए दो कर्मचारी है, जबकि दो टेक्निशियन की और जरूरत है. वहीं विभाग में माइक्रोबायोलॉजिस्ट भी नहीं है. पटना से टीम ने आकर की जांच : जीटी ब्लॉट मशीन में खराबी को ठीक कर करने पटना से टीम आयी थी. पार्ट्स को बाहर से मंगवाने की बात कह टीम लौट गयी. एक सप्ताह बीते जाने के बावजूद अबतक पार्ट्स नहीं आया है. पहले भी मशीन में खराबी के कारण जांच प्रभावित हुई थी. मामले को लेकर टीम गठित की गयी थी, वहीं आगे इस तरह की परेशानी न हो, यह तय किया गया था. मामले पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ दीनानाथ ने बताया कि मशीन की खराबी व इसके मरम्मत की मांग को लेकर सूचना पटना मुख्यालय भेज दी गयी है.पटना की टीम मशीन को ठीक करेगी. बिहार में सिर्फ चार लैब : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बिहार में भागलपुर समेत पटना व दरभंगा में टीबी कल्चर एंड डीएसटी लैब का निर्माण किया गया है. इनमें से दो पटना में है. भागलपुर के लैब पर नौ जिला, पटना के लैब पर 18 जिला व दरभंगा के लैब पर 11 जिलों के एमडीआर टीबी के सैंपल की जांच की जिम्मेदारी है.
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