कर्मियों में अवसाद के कारण हर वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
कर्मियों में अवसाद के कारण हर वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
– जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (मायागंज अस्पताल) के ओपीडी स्थित मानसिक रोग विभाग में गुरुवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रभारी प्राचार्य डॉ एचपी दुबे, अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा, मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार भगत, डॉ कुमार गौरव, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार मनस्वी ने किया. कार्यक्रम में वक्ताओं ने मरीजों व उनके परिजनों समेत मेडिकल छात्रों व चिकित्सकों को संबोधित किया. प्राचार्य ने कहा कि हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम है -कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता. कार्यस्थल पर वर्कलोड के कारण लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ता है. इसके लिए कार्यालय में काम का बंटवारा होना चाहिये. किसी एक कर्मी पर काम का बोझ देने से बचना चाहिये. कार्यस्थल पर कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य का उपचार न करने का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. कार्यस्थल पर अवसाद और चिंता के कारण प्रति वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को उत्पादकता में अनुमानित एक ट्रिलियन डॉलर की हानि होती है.
टोल फ्री नंबर 14416 पर काउंसिलिंग करायें मानसिक रोगी : अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, जागरूकता फैलाने और उसके महत्व को समझना है. मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है. जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी ने कहा कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना अब एक विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता बन गयी है. प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सहायता पाने का अधिकार है. मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने से उत्पादकता और कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ती है, वहीं संगठनात्मक रूप से सफलता मिलती है. उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी प्रकार की चिंता, डिप्रेशन, तनाव व घबराहट हो तो डॉक्टर से संपर्क करें. वहीं टेलीमानस पर डायल कर अपनी काउंसिलिंग करा सकते हैं. इसका टोल फ्री नंबर 14416 है. मौके पर पीजी छात्र डॉ रितेश, डॉ जितेंद्र, डॉ अंकेश, डॉ महेंद्र, डॉ जासमिन, डॉ अनस अंसारी, डॉ दीपक मिश्रा समेत नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मी समेत कई मरीज व उनके परिजन थे.
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