मायागंज अस्पताल के अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा का फर्जी हस्ताक्षर कर ब्लड बैंक से खून लेने का प्रयास करने वाला एक मरीज का परिजन मंगलवार को पकड़ा गया. ब्लड बैंक के काउंटर पर मरीज के परिजन ने जैसे ही फ्री खून के लिए आवेदन जमा किया, कर्मचारी अरुण कुमार को पर्ची पर फर्जी हस्ताक्षर की आशंका हुई. कर्मचारी ने हेल्थ मैनेजर ब्रजेश कुमार को बुलाकर मामले की जानकारी दी. हेल्थ मैनेजर परिजन को पकड़ कर अस्पताल अधीक्षक के पास ले गये. अधीक्षक ने जब पूछताछ की तो परिजन ने कहा कि उसके परिवार के एक सदस्य ने उसे यह पर्चा दिया था. उसने कहा था कि पर्ची दिखाने पर खून मिल जायेगा. अधीक्षक ने परिजन से कहा कि परिवार के सदस्य को बुलाकर लाओ, तब मरीज के लिए खून मिलेगा. अपने रिश्तेदार को बुलाने की बात कह कर मरीज का परिजन फरार हो गया. वह देर शाम तक नहीं लौटा. अधीक्षक ने मरीज को खून देने पर रोक लगा दी. बता दें कि अस्पताल में इस तरह का फर्जीवाड़ा चलता रहता है. लेकिन इसकी रोकथाम के लिए अस्पताल प्रशासन कोई कड़ा एक्शन नहीं ले रहा है. कानूनी पचड़े में पड़ने के डर से अस्पताल ऐसी घटनाओं को नजर अंदाज करता रहा है. पिछले माह गोड्डा के एक मरीज से सीटी स्कैन कराने के नाम पर एक दलाल ने दो हजार रुपये की ठगी की थी.
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