वरीय संवाददाता, भागलपुर चाइल्ड हेल्प लाइन भागलपुर की टीम शनिवार को एक 17 वर्षीय बच्ची की मेडिकल जांच कराने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पहुंचे. लेकिन बच्ची का मेडिकल जांच नहीं हो पाया. चाइल्ड हेल्प लाइन के परियोजना समन्वयक ने इसकी लिखित जानकारी बाल कल्याण समिति भागलपुर को दी. पत्र में कहा गया कि शनिवार को सुबह 11: 20 बजे आरपीएफ भागलपुर ने एक बच्ची को रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क को सौंपा. बालिका का मेडिकल कराने के लिए पहले सदर अस्पताल ले जाया गया. लेकिन जांच के लिए बालिका ने सहयोग नहीं किया. इसके बाद बाल कल्याण समिति के मौखिक आदेश पर मेडिकल जांच के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है. अस्पताल के मेडिसिन इमरजेंसी विभाग में दिखाया गया. वहां से मनोचिकित्सा विभाग भेजा गया. मनोचिकित्सा विभाग में डॉक्टर नहीं होने के कारण ओपीडी भेजा गया. ओपीडी में बताया गया कि डॉक्टर 4:30 बजे के बाद आयेंगे. मामले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा ने बताया कि बच्ची को मेडिसिन इमरजेंसी के मनोचिकित्सक की देखरेख में भर्ती के लिए कहा गया. वहीं मनो चिकित्सक को फोन से बुलाने की बात कही गयी. लेकिन उन्होंने वहां भर्ती नहीं किया. बच्ची की जांच कराने दो बजे के बाद आये थे. इस समय तक ओपीडी की पहली पाली खत्म हो जाती है. जांच कराने के लिए हर तरह का सहयोग किया गया था. महिला कर्मी की मांग की गयी : चाइल्ड हेल्प लाइन ने पत्र के माध्यम से बाल कल्याण समिति से बालिका की देखरेख के लिए महिला स्टाफ की मांग की. बताया गया कि चाइल्ड हेल्प लाइन में केवल एक महिला स्टाफ है जो रेलवे एवं जिला दोनों स्तर सेआने वाली बालिका से संबंधित मामलों को संभालती है.
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