प्रत्येक पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए जमीन चिह्नित करें : डीएम
प्रत्येक पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए जमीन चिह्नित करें : डीएम
– जिलाधिकारी ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा – जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की गयी. समीक्षा में पाया गया कि मिशन 45 के तहत जिले में 10,507 कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया गया है. इनके इलाज, संतुलित आहार व एनआरसी में रखने के कारण वर्तमान में केवल 3148 बच्चे की कुपोषित बचे हैं. इन्हें कुपोषण के दायरे से बाहर लाने के लिए 15 दिनों का माइक्रोप्लान बनाने का निर्देश दिया गया. वहीं इनक्वास यानी राष्ट्रीय स्तर के क्वालिटी प्रमाणीकरण के लिए नारायणपुर के भवानीपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र को सुसज्जित किया जा रहा है. वहीं प्रत्येक अनुमंडल को एक-एक संस्थान का नाम व संसाधनों की कमी की सूची भेजने को कहा गया. वहीं चार नवंबर तक प्रत्येक पंचायत में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिए जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया गया. पांच पीएचसी को शोकाॅज का निर्देश :डीएम ने फीवर विद रैश की समय पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी भागलपुर को उपलब्ध कराने काे कहा. वहीं वैक्सीनेशन के लिए यूविन पोर्टल के अनुसार वैसे सेशन साइट जहां उपलब्धि पांच से कम है. वैसे साईट को माइक्रोप्लान में तिमाही आधार पर शामिल करने काे कहा. ताकि मानव संसाधन एवं वैक्सीन का समुचित उपयोग किया जा सके. वहीं जगदीशपुर सीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आशुतोष कुमार के द्वारा कार्य नहीं करने के कारण उनका वेतन अवरुद्ध किया गया. वहीं पूर्व में गठित प्रपत्र ””क”” के आलोक में विभाग स्तर से कार्यवाही लंबित होने के संबंध में पत्राचार करने को कहा गया. इधर, गैर संचारी रोगियों के स्क्रीनिंग में कमी को लेकर रंगरा चौक, खरीक, गोराडीह एवं इस्माइलपुर पीएचसी को शोकॉज करने को कहा. वहीं 28 अक्तूबर तक शत प्रतिशत उपलब्धि का निर्देश दिया गया. टेली कंसल्टेशन व कन्या उत्थान योजना में कार्रवाई : टेली कंसलटेशन को लेकर सुलतानगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि चिकित्सक के द्वारा कॉल रिसिव नहीं किया जाता है. प्रशासनिक क्षमता में कमी मानते हुए सुलतानगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक का वेतन रोका गया. साथ ही 28 अक्तूबर तक शत्-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने की हिदायत दी गयी. वहीं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में कई प्रखंडों की उपलब्धि कम रही. इनमें पीरपैंती 43.56 प्रतिशत, खरीक 46.67 प्रतिशत, जगदीशपुर 47.26 प्रतिशत एवं कहलगांव 48.81 प्रतिशत रहा. इसको लेकर इन प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक / प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरकों से शोकाॅज कर 28 अक्तूबर तक इसे पूरा करने को कहा गया. संस्थागत प्रसव व प्रसव पूर्व निबंधन की समीक्षा : डीएम ने लाभार्थियों को देय राशि, टीकाकरण, योजना के लाभ इत्यादि से संबंधित पोस्टर / बैनर को प्रखंड कार्यालयों में लगाने काे कहा. वहीं दोषी आशा के विरुद्ध कार्रवाई करने काे कहा. प्रथम तिमाही में प्रसव पूर्व निबंधन में शाहकुण्ड, बिहपुर एवं कहलगांव के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक/ प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक से शोकाॅज किया गया. संस्थागत प्रसव में गोराडीह की उपलब्धि मात्र 44 प्रतिशत रहने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक से शोकॉज किया गया. 256 हाइड्रोशील मरीजों का ऑपरेशन नवंबर तक : कहलगांव में सिजेरियन प्रसव नहीं होने पर डॉ अशोक कुमार का वेतन बंद किया गया. स्वास्थ्य उपकेंद्र गनगनिया में पोर्टल के अनुसार अत्यंत कम दवा की उपलब्धता को लेकर वेतन बंद करने को कहा. वहीं हाईड्रोसील आपॅरेशन के लिए चिह्नित सभी 256 मरीजों का ऑपरेशन नवंबर तक करने काे कहा. बिहपुर, गोराडीह, नारायणपुर, पीरपैंती, रंगरा चौक, सबौर, नवगछिया एवं भागलपुर अर्बन में एमआर 1 से एमआर 2 में 15 प्रतिशत की ड्रॉप आउट को कम कर पांच प्रतिशत तक लाने का निर्देश दिया. एमडीए कार्यक्रम शुरू करने से पूर्व बीडीओ व मुखिया के साथ लोगों को इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया. फाइलेरिया से ग्रसित रोगियों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र देने को कहा. प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक करने व प्रत्येक माह समीक्षा बैठक में सभी प्रखण्ड की उपलब्धि के आधार पर रैंकिंग करने काे कहा गया.
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