प्रभात खबर पड़ताल
– मायागंज अस्पताल में कमीशन का चक्कर, मरीजों की पर्ची पर सरकारी दवा की बजाय बाहरी दवा का नाम लिख रहे
केस वन : फोटो ब्यूटी कुमारी
मायागंज अस्पताल में असरगंज से इलाज कराने आयी ब्यूटी कुमारी ने बताया कि उनके हाथ में तेज दर्द है. डॉक्टर ने चिट्ठे पर छह दवाइयां लिखीं. इनमें से चार दवा अस्पताल के काउंटर पर नि:शुल्क मिला. जबकि दो दवा ओरासियम व सैचमैक्स गोल्ड दवा बाहर से खरीदने को कहा गया.
——————केस टू : मुनिलाल शर्मा
मायागंज अस्पताल में धांधी बेलारी से इलाज कराने आये वृद्ध मुनिलाल शर्मा ने बताया कि उनके कब्ज की शिकायत है. डॉक्टर ने चिट्ठे पर तीन दवा लिखी. इसमें से सिर्फ गैस की दवा सरकारी काउंटर पर मिला. जबकि दो दवा वोकोलेक्ट व डायसाइक्लोमाइन दवा नहीं मिला.——————
केस थ्री : फोटो गुलअफशा निगारमायागंज अस्पताल में चकबीर बांका से इलाज कराने आयी महिला गर्भवती गुलअफशा निगार ने बताया कि उनके पेट में दर्द है. डॉक्टर ने चिट्ठा पर चार दवा लिखी है. इनमें से दो दवा सरकारी काउंटर पर मिला. जबकि पेट दर्द समेत एक अन्य दवा नहीं मिली.
———————केस फोर : फोटो मौसम
मायागंज अस्पताल में आदमपुर से स्किन का इलाज कराने आये मौसम ने बताया कि डॉक्टर ने चिट्ठे पर पांच दवा का नाम लिखा. इनमें से तीन दवा सरकारी काउंटर पर मिला. शेष दो दवा कीटो लोशन व फ्लूकोनाजोल दवा बाहर के दुकान से 328 रुपये देकर खरीदा है.
———————- वर्जन– ओपीडी में मरीजों के इलाज के लिए सभी दवाएं उपलब्ध हैं. किस कारणों से बाहरी दवा लिखी जा रही है, इसका पता लगाया जायेगा. साथ ही दवा की सूची मंगवाकर मामले की जांच की जायेगी.
डॉ राकेश कुमार, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है