डायबिटिक लोगों में ओरल कैंसर के लक्षण जल्दी दिखते हैं : डॉ किंशुक
डायबिटिक लोगों में ओरल कैंसर के लक्षण जल्दी दिखते हैं : डॉ किंशुक
– इंडियन डेंटल एसोसिएशन अंग प्रदेश के वार्षिक सम्मेलन का आयोजन – इंडियन डेंटल एसोसिएशन अंग प्रदेश के वार्षिक सम्मेलन का आयोजन शनिवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर में हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन दीप जलाकर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ राकेश कुमार, अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा, एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार, वर्तमान अध्यक्ष डॉ संजय कुमार, सचिव डॉ शुभंकर कुमार, आयोजन सचिव डॉ एसबी शरण ने किया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व मेडिका हॉस्पिटल कोलकाता के डॉ किंशुक चटर्जी ने फ्री मालिगनेंट लीजन एवं मुंह के कैंसर की रोकथाम विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि ओरल कैंसर की पहचान उचित समय पर हो जाये, तो मरीजों का इलाज कम पैसे में हो जायेगा. उन्होंने कैंसर की पहचान के लिए कुछ उपाय बताये. किसी भी मुंह में अगर लाल दाने व स्किन पर सफेद रंग के छाले हो. यह ठीक नहीं हो रहा हो और बढ़ता जा रहा हो तो यह मुंह के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. इस स्थिति में बायोप्सी जांच करायें. उन्होंने कहा कि मालिगनेंट लीजन बीमारी में दवाइयां बहुत मामूली काम करती हैं. अगर आप डायबिटिक हैं, तो ओरल कैंसर के लक्षण जल्दी दिखते हैं. मेडिका हॉस्पिटल कोलकाता में बिहार सरकार की आर्थिक मदद से कैंसर मरीजों का उपचार होता है. झारखंड में 25 लाख तक मदद मिलती है. आयुष्मान कार्ड के द्वारा भी इलाज हो रहा है. धूम्रपान करने वाले लोगों का डेंटल इंप्लांट फेल्योर होता है दूसरे मुख्य वक्ता डॉ शुभम दत्ता ने डेंटल इंप्लांट के फेल्योर एवं कॉम्प्लिकेशन पर विस्तार से व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि डेंटल इंप्लांट का नया चलन शुरू हो गया है. इसमें कई कारणों से गड़बड़ी हो जाती है. इंप्लांट के दौरान इंफेक्शन या मुंह की सफाई नहीं करना इसका कारण हो सकता है. इसलिए हर तरह के दांत का ट्रीटमेंट प्लान बहुत जरूरी है. इंप्लांट करने से पहले आपको बहुत सारी सावधानियां रखनी होगी. धूम्रपान या तंबाकू सेवन करने वाले लोगों में डेंटल इंप्लांट के फेल्योर का चांस अधिक रहता है. सम्मेलन का लाभ स्थानीय दंत चिकित्सकों को मिलेगा प्राचार्य ने कहा कि इस सम्मेलन में दंत चिकित्सकों को कई जानकारी मिलेगी. यह लाभ मरीजों को इलाज के दौरान मिलेगा. अध्यक्ष ने कहा कि दांत का दर्द काफी तकलीफ देता है. यह कार्यक्रम सभी दंत चिकित्सकों के सहयोग से हुआ. अतिथियों से मिले ज्ञान के आधार पर मरीजों का उचित ढंग से इलाज संभव हो सकेगा. संस्थापक अध्यक्ष डॉ विनोद कुमार ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम हम सभी के लिए बहुत मूल्यवान है. आगे भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे. संगठन से अबतक 75 दंत चिकित्सक जुड़े एसोसिएशन के सचिव डॉ शुभंकर कुमार सिंह ने कहा कि यह संगठन 2016 में बना. इसमें 20 दंत चिकित्सक से संख्या बढ़ कर 75 हो गया है. बिना सहयोग से इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं है. आयोजन सचिव डॉ एसबी शरण ने सम्मेलन में आये सभी दंत चिकित्सक, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, लैब प्रतिनिधि व डेंटल लैब का धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ अभिषेक सिंह व डॉ अमृता प्रीतम ने किया. मौके पर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ नीलेश रंजन, डॉ जौहर साजिद, डॉ बसंत प्रसाद, डॉ स्वप्निल चंद्र, डॉ जयंत घोषाल, डॉ नीरज, डॉ संजय, डॉ संजय सुमन, डॉ यूके सिंह, डॉ अजय भारती, डॉ सुब्रत, डॉ विनोद कुमार, डॉ गीतांजलि, डॉ वंदना, डॉ सिंपल, डॉ लिपि, डॉ पंकज, डॉ रणवीर, डॉ अमित, डॉ सुरजीत, डॉ नीरज, डॉ शहजाद, डॉ अंकुर, डॉ ए वली, डॉ सूरज खेतान, डॉ रीमा समेत अन्य दंत चिकित्सक थे.
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