-एक नवंबर से राज्यभर में एंबुलेंस सेवा देने वाली एजेंसी में बदलाव, जिले के 88 कर्मियों को काम से बिठाया
जिला एंबुलेंस संघ के आह्वान पर 102 नंबर वाले 232 एंबुलेंस चालकों ने शु्क्रवार दोपहर दो बजे से हड़ताल शुरू कर दी है. इससे जिले के करीब 60 एंबुलेंस चलने बंद हो गये. इधर, 102 सेवा बंद होने के बाद प्राइवेट एंबुलेंस पर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी बढ़ गयी. इसके लिए मरीजों को मोटी रकम भी खर्च करनी होगी.
जिला एंबुलेंस संघ के अध्यक्ष लालू यादव ने बताया कि राज्य सरकार की ओर एक नवंबर से सरकारी स्तर पर सेवा देने वाली एंबुलेंस की एजेंसी को बदल दिया गया. पीडीपीएल कंपनी को हटाकर जेन प्लस कंपनी को काम दिया गया है. अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार को नयी कंपनी की ओर से कॉल किया गया कि जिले के 232 में से 88 एंबुलेंस चालकों व टेक्निशियनों को अगले आदेश तक काम से बिठाया गया है. कहा गया कि नयी एंबुलेंस वाहन आने के बाद फिर से बुलाया जायेगा. तब तक आपलोग घर चले जायें. इसके बाद सदर अस्पताल में सभी एंबुलेंस चालकों ने बैठक कर आदेश के खिलाफ हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया. पूरे राज्यभर के 14 जिलों में यह आंदोलन चल रहा है. अब भागलपुर हड़ताल में शामिल होने वाला 15वां जिला बन गया है.सिविल सर्जन व डीएम को लिखित जानकारी दी :
जिला एंबुलेंस संघ के अध्यक्ष ने बताया कि हड़ताल समेत अपनी विभिन्न मांगों की लिखित जानकारी सिविल सर्जन, डीएम और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को दे दी गयी है. हमारी मांग है कि नयी कंपनी में सभी कर्मियों को समायोजन किया जाये. नयी कंपनी का कहना है कि 400 नये एंबुलेंस को जल्द लाॉच किया जायेगा. इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है. अध्यक्ष ने बताया कि दो माह से हमें वेतन नहीं मिला है. दुर्गा पूजा के बाद दीपावली भी फीकी रही. वहीं छह माह से पीएफ व ईएसआइसी जमा नहीं हुआ है. अध्यक्ष ने बताया कि कर्मियों के साथ एंबुलेंस 102 के काेऑर्डिनेटर मुकेश कुमार से वार्ता हुई. उन्होंने कर्मियों को कहा कि आपलोगों को हटाया नहीं गया है. नयी गाड़ी आने तक आपलोग घर में रहें. इसके बाद एंबुलेंस चालकों में नाराजगी बढ़ गयी.
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