एमआरआइ जांच बीते डेढ माह से बंद, निजी एजेंसी कर रही मनमानी

- मायागंज अस्पताल में रोजाना औसतन 15 मरीजों की जांच नहीं हो रही

By Prabhat Khabar News Desk | November 26, 2024 9:44 PM

वरीय संवाददाता, भागलपुर मायागंज अस्पताल में अक्तूबर के पहले सप्ताह से बंद पड़ी एमआरआइ जांच अब तक शुरू नहीं हुई है. इस कारण रोजाना औसतन 15 मरीजों की जांच नहीं हो रही है. जरूरतमंद मरीजों को बाहर के निजी क्लीनिक में जांच करानी पड़ती है. इसके लिए मरीजों को दो से तीन गुना अधिक राशि खर्च करना पड़ रहा है. मायागंज अस्पताल में एमआरआइ जांच सेंटर का संचालन स्वागतो निजी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. निजी एजेंसी ने पहले कहा कि मशीन में हीलियम गैस खत्म हो गया है. इसे बाहर से मंगवाने की बात पर करीब डेढ़ माह तक टालमटोल किया. एमआरआइ मशीन में हीलियम गैस रिफिलिंग के लिए पैसे नहीं रहने की बात कही, वहीं अस्पताल प्रबंधन से अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सेंटर की बकाया फीस की वसूली कर ली. स्वागतो एजेंसी की ओर से अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सेंटर भी चलाया जा रहा है. दोनों सेंटर का भुगतान अस्पताल को करना पड़ता है. अस्पताल की ओर से अल्ट्रासाउंड व एक्सरे जांच के लिए मरीजों को नि:शुल्क व्यवस्था दी गयी है. जबकि एमआरआइ सेंटर के लिए सिर्फ कमरे का किराया व बिजली बिल एजेंसी को देना पड़ता है. जांच के पैसे मरीज से लिये जाते हैं. एजेंसी का नया बहाना, चूहे ने तार काट दिया : हीलियम गैस को रिफिल करने के बाद भी मशीन चालू नहीं हुआ. अब एजेंसी का कहना है कि मशीन के केबल को चूहे ने काट दिया है. कोलकाता से इंजीनियर को बुलाकर इसे ठीक कराया गया. इसके बाद एमआरआइ मशीन पर मरीज को लिटाने वाला टेबुल में खराबी की बात कहने लगे. मामले पर रेडियाेलॉजी विभाग के एचओडी डॉ सचिन कुमार ने बताया कि एमआरआइ जांच कब शुरू होगी, इसको लेकर एजेंसी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version