वरीय संवाददाता, भागलपुर
सदर अस्पताल के सभागार में मंगलवार को प्रसव बाद व गर्भपात बाद परिवार नियोजन सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के इंचार्ज और स्टाफ को प्रसव में संक्रमण से बचाव और परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में जानकारी दी गयी. मेडिकल ऑफिसर डॉ ज्योति व डॉ दीपशिखा ने परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इनमें प्रसव और मातृत्व सेवाओं के साथ-साथ प्रसव पश्चात और गर्भपात के बाद परिवार नियोजन सेवाओं से जुड़ी जानकारी दी. पीपीटी के माध्यम से बताया कि हर गर्भवती महिला को उसके एएनसी (एंटीनैटल केयर) के दौरान ही परिवार नियोजन पर नियमित परामर्श मिलना चाहिए. डीएचएस के डीसीएम भरत कुमार सिंह ने परिवार नियोजन के डाटा की चर्चा की.
प्रसव के बाद 42 दिन बाद आती है प्रजनन क्षमता : पीएसआइ इंडिया के ऋतु तिवारी ने कहा कि प्रसव के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता सामान्य रूप से 42 दिनों में वापस आ जाती है. इस दौरान यौन संबंध बनाने पर भी गर्भधारण का खतरा रहता है. इसी प्रकार, गर्भपात के बाद महिला केवल 12 दिनों तक गर्भधारण से प्राकृतिक रूप से सुरक्षित रहती है. इसके बाद गर्भधारण हो सकता है. इसीलिए अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किसी न किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग आवश्यक है. इस आयोजन में सदर अस्पताल व प्रखंडों के अस्पताल के के विभिन्न विभागों के बीसीएम, नर्सिंग स्टाफ, परिवार नियोजन परामर्शदाता, शल्य कक्ष सहायक और अन्य कर्मी शामिल हुए.
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