वरीय संवाददाता, भागलपुर
मायागंज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के शिशुरोग विभाग में मंगलवार को मरीज की मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की ट्रेनिंग दी गयी. अस्पताल के डॉ अहमद नदीम असलामी ने सरकारी अस्पतालों के 50 चिकित्सा पदाधिकारियों को डेथ सर्टिफिकेट बनाने की जानकारी दी. सभी पदाधिकारी भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया, जमुई व बेगूसराय जिले के थे. डॉ अहमद ने प्रशिक्षण सत्र में कहा कि सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों की मौत का कारण लिखना होगा. यह व्यवस्था नये साल से लागू होगी. उन्होंने कहा कि मरीज की मौत के बाद डॉक्टर अधिकांश मामले में हार्ट फेल लिखते हैं. जबकि मरीज की मौत के मुख्य कारण कुछ और होता है. इस जानकारी में बिहार का प्रदर्शन खराब है. यहां सिर्फ 5.1 प्रतिशत मामले में मौत की सही जानकारी मिलती है. इस कारण सरकारी स्तर पर मौत के आंकड़े को कम करने के लिए ठोस कदम नहीं उठ रहा है. देश में सबसे बेहतर स्थिति गोआ की है. मायागंज अस्पताल में वर्ष 2023 में पांच हजार मरीजों की मौत हुई. अधिकांश मौत का कारण हार्ट फेल या राेड ट्रैफिक एक्सीडेंट लिखा गया था.
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