राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सभी प्रखंडों चलंत चिकित्सा दल का गठन किया गया है. इस दल को रोजाना 80 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करनी है. लेकिन इस कार्यक्रम का लाभ जिले के बच्चों को नहीं मिल रहा है. इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र समेत सरकारी स्कूलों के बच्चों का हेल्थ चेकअप होता है. राज्यस्तरीय समीक्षा के बाद पता चला कि प्रखंडों में एक चलंत चिकित्सा दल द्वारा लक्ष्य से आधा यानी 40 बच्चों की भी जांच नहीं हो रही है. जिले के नौ प्रखंड में योजना का बुरा हाल है. इनमें ईस्मालइपुर, जगदीशपुर, खरीक, नारायणपुर, नाथनगर , नवगछिया, रंगरा चौक, पीरपैंती एवं सन्हौला हैं. इन प्रखंडों के बीमार बच्चों का इलाज नहीं हो रहा. राज्य स्वास्थ्य समिति के आरबीएसके के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ राजीव कुमार ने भागलपुर के सीएस को पत्र लिखा है. पत्र के अनुसार जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की गति काफी धीमी है. हर चलंत चिकित्सा दल को रोजाना 80 बच्चों के स्वास्थ्य की जांच का लक्ष्य दें. जिन प्रखंडों में दल का गठन नहीं हुआ है वहां दल का गठन करें. साथ ही अलगे तीन माह का माइक्रोप्लान भी मांगा गया है.
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