– मरीज की मौत के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गये, सुरक्षा गार्ड से हुई बहस वरीय संवाददाता, भागलपुर मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में शुक्रवार को एक मरीज की मौत के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गये. इन्होंने इमरजेंसी वार्ड में ही इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया. इस दौरान सुरक्षा गार्ड व परिजनों के बीच काफी बहस भी हो गयी. 50 वर्षीय मृतक चतुर्भुज शर्मा त्रिपुरा में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं और खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर थाना क्षेत्र स्थित फुदकीचक गांव का निवासी है. उन्हें दिमाग की नस में परेशानी थी. वहीं, कमजोरी के कारण चलने-फिरने में दिक्कत हाे रही थी. गुरुवार काे तबीयत खराब हुई, तो उन्हें अपराह्न 3.30 बजे सरकारी अस्पताल गोगरी ले जाया गया. वहां से प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने सदर अस्पताल खगड़िया रेफर कर दिया. रात करीब आठ बजे सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने भी गंभीर हालत बताकर मरीज को मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया. यहां देर रात 10.30 बजे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. मृतक के बेटे गौतम शर्मा ने बताया कि पिता की हालत गंभीर थी, लेकिन इमरजेंसी में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं थे. जूनियर डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर इसीजी जांच करायी और एक बार दवा व इंजेक्शन लगाने का निर्देश नर्सों को दिया. हम सब बार-बार डॉक्टरों से आग्रह करते रहे कि अगर तबीयत नहीं संभाल सकते हैं, तो पिता को रेफर कर दें. लेकिन न तो रेफर किया और न ही गंभीरता से इलाज किया गया. सुबह 10.30 बजे के बाद डॉक्टर की सलाह पर उन्हें एक सूई लगायी गयी. इसके बाद उनकी मौत हो गयी. रात में नर्स ने बुखार मापने के लिए थर्मामीटर भी नहीं दिया. बाहर से 200 रुपये में खरीदकर लाया गया. मामले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है. इसकी शिकायत भी नहीं मिली. इलाज करने वाले डॉक्टरों से जानकारी ली जायेगी.
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