प्रभात खबर इंपैक्ट – बीते चार माह से टीबी की दवा की आपूर्ति पटना मुख्यालय से नहीं हो रही वरीय संवाददाता, भागलपुर भारत सरकार ने देश से 2025 तक ट्यूबर कुलोसिस यानी टीबी बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है. लेकिन मायागंज अस्पताल समेत भागलपुर के अन्य अस्पतालों में टीबी मरीजों को इलाज के लिए दवा उपलब्ध नहीं है. इनमें आइसोनियाजिड, रिफामपीसीन, इथामबिटोल व पाइराजिनामाइड दवा है. भागलपुर जिले में इस समय करीब ढाई हजार टीबी के मरीज हैं. यह मरीज बीते चार माह से दवा के लिए सरकारी अस्पतालों का चक्कर काटते-काटते थक गये हैं. जब एक जून को प्रभात खबर में दवा की कमी को लेकर प्रमुखता से खबर छपी तो स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. मामले पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ दीनानाथ ने बताया कि जब तक राज्य मुख्यालय से टीबी मरीजों को नि:शुल्क वितरण के लिए दवा नहीं आ जाती, तब तक लोकल लेवल पर दवा की खरीदारी की जायेगी. इसको लेकर मांगपत्र जारी कर दिया गया है. अब एजेंसी को दवा की आपूर्ति करनी है. दवा मिलने के बाद मरीजों के बीच इसका वितरण कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि जल्द ही पटना मुख्यालय से भी दवा की खेप भागलपुर जिला पहुंचेगी. इधर, मायागंज अस्पताल के ओपीडी के टीबी एंड चेस्ट विभाग से जानकारी मिली राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से भी लोकल लेवल पर दवा खरीदारी का निर्देश जारी किया गया था. बावजूद दवा खरीद नहीं हो रही थी. दरअसल टीबी मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों से चार तरह की नि:शुल्क दवा मिलती थी. लेकिन मजबूरीवश कुछ मरीजों को बाजार से महंगी दवा खरीद कर इलाज कराना पड़ रहा है. वहीं अधिकांश गरीब मरीज दवा का सेवन नहीं कर पा रहे.
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